पेटीएम का एसबीआई कार्ड, एनपीसीआई से रुपे क्रेडिट कार्ड पेश करने के लिए करार, जानें क्या हो सकता है इसका असर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: May 18, 2023 07:50 PM2023-05-18T19:50:57+5:302023-05-18T19:51:43+5:30
वर्ष 2020 में शुरू हुई पेटीएम और एसबीआई कार्ड की साझेदारी अब भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के रुपे को जोड़कर विस्तार कर रही है।
मुंबईः भुगतान एवं वित्तीय सेवा कंपनी पेटीएम ने रुपे नेटवर्क पर ‘पेटीएम एसबीआई कार्ड’ पेश करने के लिए एसबीआई कार्ड के साथ साझेदारी की है। कंपनी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी। वर्ष 2020 में शुरू हुई पेटीएम और एसबीआई कार्ड की साझेदारी अब भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) के रुपे को जोड़कर विस्तार कर रही है।
तीनों घरेलू कंपनियां देश में समावेशी, डिजिटल-फर्स्ट वित्तीय सेवाओं के विकास को आगे बढ़ाने के लिए एक हुई हैं। पेटीएम के संस्थापक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) विजय शेखर शर्मा ने बताया कि भारत अगली भुगतान क्रांति के मुहाने पर है जहां ‘क्रेडिट’ मुख्यधारा का भुगतान विकल्प बन जाएगा।
उन्होंने कहा, “एसबीआई कार्ड, पेटीएम रुपे क्रेडिट कार्ड का मेल उपभोक्ताओं के लिए बेहतरीन विकल्प होगा। हमारे उपयोगकर्ता पहले से ही क्यूआर कोड आधारित भुगतान का अच्छा उपयोग करते हैं और यूपीआई क्यूआर कोड पर रुपे क्रेडिट कार्ड के काम करने से मोबाइल फोन पर लेनदेन को तेज गति मिलेगी।
यह डिजिटल भुगतान का नया युग होगा।” हर संस्करण के कार्डधारक पेटीएम के जरिये भुगतान पर दो प्रतिशत कैशबैक और वॉलेट रीलोड और ईंधन व्यय को छोड़कर अन्य सभी खरीदारी पर एक प्रतिशत कैशबैक के हकदार होंगे।
विदेश में खर्च पर डेबिट, क्रेडिट कार्ड में समानता लाने को बदले गए फेमा नियम : वित्त मंत्रालय
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से विदेश में होने वाला खर्च उदारीकृत धन-प्रेषण योजना (एलआरएस) के दायरे में लाने के लिए फेमा कानून में बदलाव करने का मकसद डेबिट एवं क्रेडिट कार्ड से भेजी गई राशि के कर संबंधी पहलुओं में समानता लाना है।
वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को बयान में कहा कि विदेशी मुद्रा प्रबंधन (फेमा) संशोधन नियम, 2023 के माध्यम से क्रेडिट कार्ड के जरिये विदेश में होने वाला खर्च भी भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की एलआरएस योजना में शामिल कर लिया गया है। इससे विदेश में खर्च की गई राशि पर लागू दरों पर ‘स्रोत पर कर संग्रह’ (टीसीएस) किया जा सकेगा।
अगर टीसीएस देने वाला व्यक्ति करदाता है तो वह अपने आयकर या अग्रिम कर देनदारियों के एवज में क्रेडिट या समायोजन का दावा कर सकता है। इस साल के बजट में विदेशी टूर पैकेज एवं एलआरएस के तहत विदेश भेजे गए पैसे पर टीसीएस को पांच प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का प्रस्ताव रखा गया था। नई कर दर एक जुलाई से प्रभावी होगी।
मंत्रालय ने गत मंगलवार को ही इस संदर्भ में एक अधिसूचना जारी कर फेमा कानून में संशोधन किए जाने की जानकारी दी थी। इस अधिसूचना में एलआरएस को शामिल करने के बाद 2.5 लाख रुपये से अधिक मूल्य की विदेशी मुद्रा के किसी भी धन-प्रेषण के लिए आरबीआई की मंजूरी लेनी जरूरी होगी।
इस अधिसूचना के पहले तक विदेश यात्रा के दौरान खर्चों के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किए गए भुगतान एलआरएस के दायरे में नहीं आते थे। वित्त मंत्रालय ने आरबीआई के साथ परामर्श के बाद जारी अधिसूचना में फेमा अधिनियम, 2000 की धारा सात को हटा दिया है।
इससे विदेश में अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड से किया गया भुगतान भी एलआरएस के दायरे में आ गया है। मंत्रालय ने इस बदलाव पर संबंधित प्रश्नों एवं उनके जवाब की एक सूची जारी करते हुए स्थिति स्पष्ट करने की कोशिश की है। उसने कहा कि एलआरएस के तहत डेबिट कार्ड से किए गए भुगतान पहले ही शामिल थे लेकिन क्रेडिट कार्ड से विदेश में किए गए खर्च इस सीमा में नहीं आते थे।
इसकी वजह से कई लोग एलआरएस सीमा को पार कर जाते थे। विदेश पैसे भेजने की सुविधा देने वाली कंपनियों से मिले आंकड़ों से पता चला कि 2.50 लाख रुपये की मौजूदा एलआरएस सीमा से अधिक खर्च की अनुमति वाले अंतरराष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड जारी किए जा रहे हैं। मंत्रालय के मुताबिक, आरबीआई ने भी कई बार सरकार को पत्र लिखा था कि विदेश में डेबिट एवं क्रेडिट से किए जाने भुगतान को लेकर अलग बर्ताव खत्म किया जाना चाहिए।