Paytm ने ईडी की छापेमारी पर कहा, 'चीनी लोन कंपनियों से हमारी संस्था का कोई संबंध नहीं है'
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: September 4, 2022 09:39 PM2022-09-04T21:39:58+5:302022-09-04T21:44:27+5:30
Paytm ने ईडी द्वारा उसके बेंगलुरु स्थित दफ्तर पर की गई छापेमारी के संबंध में कहा कि उनका किसी भी ऐसे चीनी कंपनी से कोई संबंध नहीं है, जो लोन ऐप फर्जीवाड़े में शामिल हों।
दिल्ली: ऑनलाइन पेमेंट सुविधा देने वाली फर्म वन97 कम्युनिकेशंस, जो Paytm ब्रांड के तहत वित्तिय कार्य का संचालन करती है। उसने चीनी लोन कंपनियों के संबंध में प्रवर्तन निदेशायल (ईडी) द्वारा उसके बेंगलुरु स्थित दफ्तर पर की गई छापेमारी के विषय में बयान जारी करते हुए कहा कि हमारा ऐसी किसी चीनी कंपनी से कोई संबंध नहीं है, जो भारत में ऐप के जरिये लोन के फर्जीवाड़े में शामिल हो।
कंपनी ने रविवार को कहा कि उनका ऐसा चीनी व्यापारियों के साथ दूर-दूर तक कोई ताल्लूक नहीं है, जिनके विषय में ईडी द्वारा छानबीन की जा रही है। इसके साथ ही पेटीएम ने यह भी कहा कि ईडी द्वारा छापेमारी में जब्त किये गये फंड से भी उसका या उसकी समूह के फर्म का कोई वास्ता नहीं है।
पेटीएम ने रेगुलेटिंग फाइलिंग में जवाब देते हुए कहा, "ईडी द्वारा चीनी व्यापारियों के एक विशिष्ट समूह के खिलाफ चल रही जांच के हिस्से के तौर पर हमसे ऐसे व्यापारियों के बारे में जानकारी मांगी गई है, जिन्हें हम गेटवे पेमेंट प्रोसेसिंग में प्रदान देते हैं। लेकिन साथ में हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि ये व्यापारी संस्थाएं स्वतंत्र हैं और उनमें से किसी के साथ हमारी समूह संस्था का कोई संबंध नहीं है।"
ईडी ने शनिवार को Paytm, Razorpay और Cashfree के बेंगलुरु स्थित दफ्तरों पर चीनी व्यक्तियों द्वारा नियंत्रित संस्थाओं के जरिये ऐप आधारित लोन में बरती जा रही कई तरह की वित्तिय अनियमितताओं के संबंध में छापेमारी की थी। मामले में केंद्रीय एजेंसी ने कहा था कि कहा था कि Paytm, Razorpay और Cashfree के दफ्तरों में शुक्रवार को शुरू हुई तलाशी शनिवार को भी जारी रही।
इसके साथ ही ईडी ने छापेमारी के दौरान यह भी कहा कि उसने चीनी संस्थाओं की आईडी और बैंक खातों में रखे 17 करोड़ रुपयों को भी जब्त किया है। Paytm ने छापेमारी के विषय में कहा, "ईडी ने हमें कुछ चीनी व्यावसायिक संस्थाओं के आईडी से धनराशि को फ्रीज करने का निर्देश दिया है। लेकिन हम स्पष्ट कर रहे हैं कि जिन चीनी कंपनियों का फंड फ्रीज किया गया है, उनका हमारी कंपनी से कोई संबंध नहीं है।"
मालूम हो कि ईडी ने पीएमएलए एक्ट के तहत कुछ संदिग्ध चीनी कंपनियों की जांच शुरू की है। जिनके विषय में इस तरह की शिकायतें मिली थीं कि वो भारतीय नागरिकों को कर्ज देकर उन्हें प्रताड़ित किया, जिसके कारण कई लोगों को आत्महत्या के लिए मजबूर होना पड़ा।
मामले में जांच के बाद पुलिस ने कहा कि चीनी ऐप द्वारा लोन लेने वालों को जबरदस्ती परेशान किया जाता था। ये लोन ऐप कर्जदाताओं को फोन में उपलब्ध उनके व्यक्तिगत विवरण को सार्वजनिक करने और उन्हें सार्वजनिक तौर पर जलील करने की धमकी देती थी।
इसके साथ ही पुलिस जांच में यह बात भी सामने आयी की ये कंपनियां ऐप्स को फोन में डाउनलोड करते समय ऋण लेने वाले व्यक्ति के सभी व्यक्तिगत डेटा को ले लेती थी और फिर उनका दूसरी जगहों पर इस्तेमाल करती थीं। ईडी का आरोप है कि अवैध तरीके से लोन देने वाली चीनी कंपनियां अपराध के पैसे की उगाही करने के लिए कथित तौर पर उन्हीं कंपनियों के गेटवे का इस्तेमाल करती थीं। (समाचार एजेंसी पीटीआई के इनपुट के साथ)