संसदीय समिति ने फैक्टरिंग विनियमन संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट पेश की

By भाषा | Updated: February 3, 2021 23:12 IST2021-02-03T23:12:42+5:302021-02-03T23:12:42+5:30

Parliamentary Committee submits report on Factoring Regulation Amendment Bill | संसदीय समिति ने फैक्टरिंग विनियमन संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट पेश की

संसदीय समिति ने फैक्टरिंग विनियमन संशोधन विधेयक पर रिपोर्ट पेश की

नयी दिल्ली, तीन फरवरी संसद की एक समिति ने कहा है कि फैक्टरिंग गतिविधयों की प्रभावी तरीके से निगरानी सुनिश्चित करने को रिजर्व बैंक को पर्याप्त नियामकीय व्यवस्था करनी चाहिए।

संसद की वित्त पर स्थायी समिति ने यह सुझाव दिया है। समिति ने फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 की समीक्षा करते हुए यह सुझाव दिया है। फैक्टरिंग इकाइयां बिलों/ बकाया रिणों कों का डिस्काउंट या कम मूल्य पर खरीदने का काम करती हैं।

पूर्व वित्त राज्यमंत्री जयंत सिन्हा की अगुवाई वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट को बुधवार को संसद के दोनों सदनों में पेश किया।

समिति ने कहा है कि मौजूदा समय में एनबीएफसी-फैक्टर इकाइयों की संख्या सात से बढ़कर हजारों में हो गई है। ऐसे में रिजर्व बैंक के ऊपर बड़ी नियामकीय जिम्मेदारी आ गई है।

समिति ने इस बात पर जोर दिया है कि रिजर्व बैंक को फैक्टरिंग गतिविधियों की प्रभावी निगरानी के लिए पर्याप्त नियामकीय कर्मचारी/संसाधन लगाने की जरूरत है, जिससे प्रस्तावित संशोधन के जरिये फैक्टरिंग उद्योग से जुड़े लंबित मुद्दों को हल करने के उद्देश्य और मंशा को हासिल किया जा सके।

फैक्टरिंग विनियमन (संशोधन) विधेयक, 2020 को लोकसभा में 24 सितंबर, 2020 को पेश किया था।

समिति ने अपनी रिपोर्ट में सुझाव दिया है कि फैक्टरिंग कंपनियों को बेहतर वैश्विक व्यवहार अपनाना चाहिए, जिससे घरेलू फैक्टरिंग कंपनियां वैश्विक समकक्षों के बराबर पहुंच सकें।

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Web Title: Parliamentary Committee submits report on Factoring Regulation Amendment Bill

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