Parle G का 15% बढ़ा मुनाफा, दो महीने पहले आर्थिक सुस्ती का हवाला देकर 10 हजार कर्मचारियों की छंटनी की कही थी बात
By स्वाति सिंह | Published: October 16, 2019 01:02 PM2019-10-16T13:02:28+5:302019-10-16T13:02:28+5:30
सितंबर में मांग में गिरावट तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से बिस्कुट, केक जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी पारले प्रोडक्ट्स अगले एक साल में 10,000 कर्मचारियों के नौकरी के जाने की बात कही थी। लेकिन अभी हाल में Parle G का 15.2 फिसद मुनाफा हुआ है।
बिस्किट बनाने वाली कंपनी Parle G प्रॉडक्ट्स में सुस्ती की वजह से कंपनी में काम कर रहे लगभग 10,000 कर्मचारियों के नौकरियों पर खतरे की खबर आई थी। लेकिन अभी हाल में Parle G का 15.2 फिसद मुनाफा हुआ है। बताया जा रहा है कि पारले ग्रुप का मुनाफा बीते वित्त वर्ष में 15.2 फीसदी बढ़ा है। बिजनस प्लैटफॉर्म टॉफ्लर की रिपोर्ट के मुताबिक, बीते वित्त वर्ष में पारले बिस्किट्स का प्रॉफिट 410 करोड़ रुपये रहा जबकि वित्त वर्ष 2017-18 में 355 करोड़ रुपये था। वहीं, अगर आमदनी की बात करें तो इस दौरान कंपनी को आमदनी में 6.4 फीसदी का इजाफा हुआ और वह बढ़कर 9,030 करोड़ रुपये हो गई। 2017-18 में यह आंकड़ा 8,780 करोड़ रुपये था। इसके बाद से सोशल मीडिया पर भी Parle G के मुनाफे की ख़बरें ट्रेंड हो रही है।
बता दें कि सितंबर में मांग में गिरावट तथा माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की वजह से बिस्कुट, केक जैसे उत्पाद बनाने वाली कंपनी पारले प्रोडक्ट्स अगले एक साल में 10,000 कर्मचारियों के नौकरी के जाने की बात कही थी। कंपनी का कहना था कि मांग घटने के अलावा आम लोगों के लिए कम मूल्य के उत्पादों पर ऊंचे जीएसटी के प्रभाव की वजह से उसे यह कदम उठाना पड़ सकता है। कंपनी के खुद के 10 कारखाने हैं। इसके अलावा उसकी तीसरे पक्ष विनिर्माता वाली 125 इकाइयां हैं। कंपनी के बिस्कुट और अन्य कारोबार में फिलहाल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से एक लाख लोग कार्यरत हैं।
बिस्कुट उद्योग के समक्ष चुनौतियों का जिक्र करते हुए पारले प्रोडक्ट्स के वरिष्ठ अधिकारी (कैटेगिरी प्रमुख) मयंक शाह ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कम मूल्य तथा ऊंची मांग वाली श्रेणी में बिक्री में करीब 7-8 प्रतिशत की गिरावट आई है जबकि कम मांग लेकिन ऊंचे मूल्य वाली श्रेणी में बिक्री में 8-9 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
उन्होंने कहा था कि बिस्कुट कारोबार में कुल वृद्धि घटकर 2.5 प्रतिशत रह गई है जो पहले दो अंक में होती थी। बिस्कुट को 18 प्रतिशत के स्लैब में डाल दिया गया। पहले की कर व्यवस्था में 100 रुपये प्रति किलोग्राम से कम के बिस्कुट पर उत्पाद शुल्क की छूट थी।