भारत में 2015 से सितंबर 2022 के बीच 55 हजार से ज्यादा वेबसाइट, ऐप ब्लॉक किए गए: रिपोर्ट
By अनिल शर्मा | Published: January 18, 2023 03:36 PM2023-01-18T15:36:46+5:302023-01-18T15:43:03+5:30
कई वेबसाइटों को अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और अश्लील साहित्य के आधार पर ब्लॉक कर दिया गया। इस आधार पर 2015 से 2022 के बीच करीब 1,065 वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया।
सॉफ्टवेयर फ्रीडम लॉ सेंटर (SLLC) द्वारा हाल ही में जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि जनवरी 2015 और सितंबर 2022 के बीच लगभग 55,580 वेबसाइटों, यूट्यूब चैनलों और मोबाइल एप्लिकेशन को भारत में ब्लॉक किया गया। हालांकि संख्या के सटीक होने के दावा नहीं किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि सरकार इस बाबत मांगी गई जानकारी को अक्सर गोपनीयत का हवाला देते हुए अस्वीकार कर देती है।
रिपोर्ट के मुताबिक सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी अधिनियम) की धारा 69ए के तहत 26,447 (अवरुद्ध वेबसाइटों का 47.5%) वेबसाइट बैन किए गए। इसके अलावा केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (MEITY) ने 26,352 वेबसाइटों को ब्लॉक किया जबकि सूचना और प्रसारण मंत्रालय (MIB)ने 9,484 वेबसाइटों पर पाबंदी लगाई।
इन वेबसाइटों को ब्लॉक करने के कारणों में भारत की संप्रभुता और अखंडता की रक्षा, भारत की रक्षा, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्यवस्था और उन आधारों से संबंधित किसी भी संज्ञेय अपराध के कमीशन को रोकना शामिल था।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा वेबसाइट ब्लॉक करने के विशिष्ट कारण सामने आए हैं। मंत्रालय द्वारा आदेशित ब्लॉकों की संख्या कुल ब्लॉकों का एक छोटा हिस्सा है। रिपोर्ट के अनुसार, वेबसाइट ब्लॉक की दूसरी सबसे बड़ी संख्या 26,024 (कुल अवरुद्ध वेबसाइटों का 46.8%) कॉपीराइट मामलों को लेकर अदालत के आदेश के कारण हुआ।
इसके अलावा कई वेबसाइटों को अश्लीलता, बाल यौन शोषण सामग्री और अश्लील साहित्य के आधार पर ब्लॉक कर दिया गया। इस आधार पर 2015 से 2022 के बीच करीब 1,065 वेबसाइटों को ब्लॉक किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि 857 वेबसाइटों को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा ब्लॉक किया गया। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने वेबसाइटों या अश्लील साहित्य, विशेष रूप से बाल अश्लीलता का चित्रण करने वाली किसी भी सामग्री को ऑनलाइन ब्लॉक करने का आदेश दिया था।
इसके अलावा, 2016 में 238 वेबसाइटों को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट, मुंबई ने अश्लीलता/पोर्न/बाल यौन शोषण के लिए ब्लॉक कर दिया था। वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगाने के अन्य कारणों में मानहानि, सार्वजनिक अव्यवस्था, कानून और व्यवस्था और अदालत की अवमानना शामिल हैं। इसके अतिरिक्त, आरटीआई अधिनियम के तहत आवेदनों से प्राप्त प्रतिक्रियाओं के अनुसार, 1,502 अन्य वेबसाइटों, यूआरएल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और पोस्ट को ब्लॉक कर दिया गया था।
आईटी अधिनियम की धारा 69ए के तहत 274 मोबाइल एप्लिकेशन को इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय द्वारा 2 वर्षों से अधिक समय तक ब्लॉक कर दिया गया है। जून 2020 में टिकटॉक, शीन, डीयू ब्राउजर और सीयू ब्राउजर समेत 59 एप्लिकेशन ब्लॉक किए गए थे। सितंबर 2020 में 118 और एप्लिकेशन ब्लॉक किए गए थे, जिनमें पबजी, लूडो वर्ल्ड, ब्यूटी कैम आदि शामिल हैं। वहीं नवंबर 2020 में 43 और एप्लिकेशन ब्लॉक किए गए।