टाटा संस के शेयर के बदले अन्य सूचीबद्ध कंपनी के शेयर मांगने के शापूरजी पालोनजी प्रस्ताव का विरोध

By भाषा | Updated: December 10, 2020 22:50 IST2020-12-10T22:50:51+5:302020-12-10T22:50:51+5:30

Opposing Shapoorji Pallonji proposal to seek shares of other listed company in exchange for Tata Sons shares | टाटा संस के शेयर के बदले अन्य सूचीबद्ध कंपनी के शेयर मांगने के शापूरजी पालोनजी प्रस्ताव का विरोध

टाटा संस के शेयर के बदले अन्य सूचीबद्ध कंपनी के शेयर मांगने के शापूरजी पालोनजी प्रस्ताव का विरोध

नयी दिल्ली, 10 दिसंबर टाटा समूह ने उच्चतम न्यायालय में शापूरजी पालोनजी समूह (एसपी) को टाटा संस में उसकी 18.37 प्रतिशत शेयर के बदले समूह की किसी अन्य सूचीबद्ध कंपनी के शेयर दिए जाने के प्रस्ताव को बृहस्पतिवार को ‘निर्थरक’ करार दिया। एसपी समूह की टाटा संस में इस हिस्सेदारी का बाजार मूल्य करीब 1.75 लाख करोड़ रुपये है।

मुख्य न्यायाधीश एस. ए. बोबड़े की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने टाटा संस से अलग होने के लिए एसपी समूह द्वारा रखे गए शेयर अदला-बदली के प्रस्ताव को टाटा समूह ने खारिज कर दिया।

बोबड़े की पीठ राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय प्राधिकरण (एनसीएलएटी) के आदेश के खिलाफ दायर टाटा संस और साइरस इंवेस्टमेंट्स की अपीलों पर निर्णायक सुनवाई कर रही है। पीठ में न्यायमूर्ति ए. एस. बोपन्ना और वी. रामसुब्रहण्यम भी शामिल है।

एनसीएलएटी ने साइरस मिस्त्री को टाटा संस के कार्यकारी चेयरमैन के तौर पर फिर नियुक्त करने का आदेश दिया है।

टाटा समूह की धारक कंपनी टाटा संस प्राइवेट लिमिटेड (टीएसपीएल) में एसपी समूह की 18.37 हिस्सेदारी है। एसपी समूह ने इस हिस्सेदारी के बदले में टाटा समूह की किसी सूचीबद्ध कंपनी में हिस्सेदारी की मांग की है।

टाटा समूह के वकील हरीश साल्वे ने कहा, ‘‘यह निर्थरक है। इस तरह की राहत नहीं दी जा सकती है।’’

उन्होंने दलील दी कि इस तरह के प्रस्ताव को स्वीकारने का मतलब है टाटा समूह की किसी अन्य सूचीबद्ध कंपनी में एसपी समूह फिर से अल्पांश अंशधारक बन जाएगी।

सुनवाई के तीसरे दिन साइरस इंवेस्टमेंट्स की ओर से पेश हुए वकील सी. ए. सुंदरम ने साल्वे के बाद अपनी दलीलें रखीं।

सुंदरम ने कानूनी प्रावधानों का हवाला देते हुए कहा, ‘‘ टाटा संस की यह पूरी कार्रवाई जो उसे एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी बनाती है, अल्पांश हिस्सेदारों (एसपी समूह) को किनारे करने के लिए की गयी लगती है।’’

उन्होंने कहा कि सार्वजनिक कंपनी को प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में तब्दील करने की कार्रवई पूर्वग्रह पर आधारित है क्योंकि इससे एसपी समूह उस संरक्षण से वंचित हो गया है जो उसे इसके एक सार्वजनिक कंपनी होने के चलते मिले थे।

हालांकि पीठ ने यह दर्शाने को कहा जानना चाहा कि ठीक ठीक वह कौन सी कार्रवाई है जिसे एसपी समूह पूर्वग्रह और अधिकार का दमन करने वाली मानता है।

सुंदरम ने कहा कि प्रबंधन में न्यायोचित विश्वास की कमी आना या प्रकारांतर हिस्सेदारी को प्रबंधन से अलग कर देना किसी कंपनी के परिसमापन का उचित आधार है। उन्होंने टाटा संस के साथ एसपी समूह की पिछली लंबी भागीदारी का उदाहरण दिया और कहा कि टाटा संस मात्र एक निवेश कंपनी है जो खुद से कोई काम नहीं करती है। लेकिन इसके निदेशक समूह की अन्य कंपनियों के लिए निर्णय लेते हैं।

उन्होंने कहा कि टाटा संस और मिस्त्री के बीच का पूरा झगड़ा इस बात पर आधारित है कि मिस्त्री एक कॉरेपोरेट संचालन की व्यवस्था प्रस्तुत करने थे जो टाटा संस में टाटा ट्रस्ट्स को विनियमित करती ताकि दो नामित निदेशक ही समूह की अन्य कंपनियों के लिए सब कुछ न तय करें।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Opposing Shapoorji Pallonji proposal to seek shares of other listed company in exchange for Tata Sons shares

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे