ओला 500 कर्मचारियों की कर सकती है छंटनी, इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर करेगी फोकस
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: July 6, 2022 07:01 PM2022-07-06T19:01:41+5:302022-07-06T19:05:19+5:30
ओला कंपनी ने लागत में कटौती और फाइनेंस को सुव्यवस्थित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को टीम में खराब प्रदर्शन करने वाले कर्मचारियों को चयनित करने का आदेश जारी कर दिया है।
दिल्ली: ओला कंपनी के मालिक भाविश अग्रवाल ओला इलेक्ट्रिक पर फोकस करने के लिए ओला के विभिन्न प्लेटफॉर्म से करीब 500 कर्मचारियों की छंटनी करने की योजना बना रहे हैं।
कंपनी ने लागत में कटौती और फाइनेंस को सुव्यवस्थित करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को अच्छे और खराब प्रदर्शन के आधार पर टीम में कर्मचारियों को चयनित करने का आदेश जारी कर दिया है।
कंपनी के मेन ओला राइड बिजनेस में इस समय लगभग 1100 कर्मचारी कार्य कर रहे हैं और यह सीधे मल्टीनेशनल कंपनी उबेर के साथ प्रतियोगिता में हैं। वहीं पिछले महीने ओला ने ओल्ड व्हीकल्स के बिजनेस के साथ-साथ ओला डैश जैसे फौरी बिजनेस को बंद कर दिया है।
कंपनी ने अपने इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर और इलेक्ट्रिक कार वर्टिकल पर फोकस करने के लिए लॉन्चिंग के एक साल के भीतर ओला कारों के बिजनेस को बंद कर दिया है। इसके अलावा ओला कैफे, फूड पांडा, ओला फूड्स और ओला डैश को भी कंपनी बंद कर चुकी है।
इस मामले में ओला ने कहा, "कंपनी ओला इलेक्ट्रिक के लिए गो-टू-मार्केट रणनीति को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने का फैसला किया है और इसके लिए ओला कारों के बिजनेस को भी रिडायरेक्ट करेगा।"
इसके अलावा कंपनी का कहना है कि ओला कारों के बेसिक स्ट्रक्चर और टेक्नोलॉजी को बेहतर बनाते हुए ओला इलेक्ट्रिक की बिक्री और सर्विस नेटवर्क को बढ़ाने के लिए फिर से तैयार किया जाएगा।
ओला का अब मुख्य लक्ष्य अपनी इलेक्ट्रिक कार के सेल्स, प्रोडक्शन और फाइनेंस सेक्टर के कारोबार में अधिक निवेश करने का है। ओला इलेक्ट्रिक, कई अन्य इलेक्ट्रीक व्हीकल्स जैसे सरकार द्वारा ओकिनावा ऑटोटेक, प्योर ईवी, जितेंद्र इलेक्ट्रिक व्हीकल्स और बूम मोटर्स जैसे प्रतियोगियों के बीच अपने इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों में की बैटरी में सामने आ रही खामियों के कारण जांच का सामना कर रही है।
ओला इलेक्ट्रिक व्हीकल्स में लगातार आग लगने की घटनाओं से चिंतित केंद्र सरकार ने अब इलेक्ट्रिक व्हीकल्स निर्माताओं को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है, जिसमें सभी को चेतावनी जारी की गई है कि खराब इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों को जनता तक पहुंचाने के लिए क्यों न उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाए। केंद्र ने इस मामले में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स निर्माताओं को नोटिस का जवाब देने के लिए जुलाई के अंत तक का समय दिया है। (समाचार एजेंसी एआईएनएस के इनपुट के साथ)