मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, बैंकों के एनपीए में दर्ज की गई रिकॉर्ड गिरावट

By विकास कुमार | Published: January 1, 2019 03:52 PM2019-01-01T15:52:03+5:302019-01-01T16:04:16+5:30

आरबीआई की रिपोर्ट से साफ झलकता है कि बैड लोन के रिकवरी प्रोसेस को लेकर सरकार ने जो कदम उठाये थे, उससे कहीं न कहीं बैंकों को फायदा मिला है. मोदी सरकार ने 2016 में NPA की समस्या से निबटने के लिए insolvency and bankruptcy code लेकर आई थी.

NPA in september came down to 10.8 %, big success for Modi Government | मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, बैंकों के एनपीए में दर्ज की गई रिकॉर्ड गिरावट

मोदी सरकार को मिली बड़ी कामयाबी, बैंकों के एनपीए में दर्ज की गई रिकॉर्ड गिरावट

आरबीआई ने बैंकों के वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट को सोमवार को जारी किया है. जिसमें ये बताया गया है कि सितम्बर 2018 में बैंकों के एनपीए का अनुपात 10.8 प्रतिशत पर आ गई. मार्च 2018 में यह अनुपात 11.5 प्रतिशत था. आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने उम्मीद जताई है कि आने वाले मार्च 2019 तक यह 10.3 प्रतिशत पर आ सकता है. 

आरबीआई की रिपोर्ट से साफ झलकता है कि बैड लोन के रिकवरी प्रोसेस को लेकर सरकार ने जो कदम उठाये थे, उससे कहीं न कहीं बैंकों को फायदा मिला है. मोदी सरकार ने 2016 एनपीए की समस्या से निबटने के लिए insolvency and bankruptcy code लेकर आई थी, जो बैंकिंग क्षेत्र ले लिए रामबाण साबित हो रहा है. सरकार ने इस कानून के तहत बैंकों को ये अधिकार दिया कि वो एनपीए खाते वाले कंपनियों के प्रॉपर्टी को एक्सेस कर सकते हैं. 

सरकार ने इसके लिए उन कंपनियों को प्रोत्साहित किया जो संबंधित क्षेत्र में अग्रसर है. और बेहतर मुनाफा कमा रही हैं. बिज़नेस स्टैण्डर्ड ने अपनी रिपोर्ट में IBC कानून को गेमचेंजर बताया है. अरुण जेटली ने भी इस कानून के बारे में कहा था कि यह बैंकिंग क्षेत्र की दशा और दिशा बदल देगा. 

सरकार की प्राथमिकताओं में एनपीए का निपटारा हमेशा से रहा है, क्योंकि एक आंकड़े के मुताबिक इस समय देश के बैंकों पर 9 लाख करोड़ रुपये का एनपीए है. अरुण जेटली ने इसके लिए यूपीए सरकार को जिम्मेवार ठहराया था. उनका कहना था कि उस समय आर्थिक मंदी के बाद मनमोहन सिंह कि सरकार ने बैंकों को ये आदेश दिया था कि आप उद्योग जगत को खुल कर लोन बांटे, ताकि देश की अर्थव्यवस्था में सुधार हो. लेकिन आर्थिक मंदी होने के कारण वो पैसा वापस नहीं आया और बैंकों के सामने एनपीए का पहाड़ खड़ा हो गया. 

सरकार ने फिस्कल डेफिसिट को भी 3.3 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है, ताकि महंगाई को काबू में रखा जा सके. इसके लिए भी सरकार की तरफ से कई कदम उठाये जा रहे हैं. 
 

Web Title: NPA in september came down to 10.8 %, big success for Modi Government

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