जीएसटी रिटर्न नहीं भरने वालों पर सरकार हुई सख्त, नहीं जारी होगा ई-वे बिल
By भाषा | Published: April 24, 2019 05:56 PM2019-04-24T17:56:38+5:302019-04-24T17:56:38+5:30
माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने ऐसी आईटी प्रणाली स्थापित की है जिसमें निर्धारित अवधि में रिटर्न नहीं दाखिल करने वाली कंपनियों के ई-वे बिल निकालने पर रोक लग जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से जीएसटी चोरी रोकने में मदद मिलेगी।
लगातार दो माह तक माल एवं सेवा कर (जीएसटी) रिटर्न नहीं भरने वाले कारोबारी 21 जून से माल के परिवहन के लिए ई-वे बिल नहीं निकाल सकेंगे। वित्त मंत्रालय ने बुधवार को यह जानकारी दी। वहीं जीएसटी कम्पोजिशन योजना के तहत कंपनियां यदि लगातार दो बार (छह महीने) रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो वे भी ई वे बिल नहीं निकाल पाएंगे।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इस बारे में 21 जून, 2019 की तिथि अधिसूचित की है। इसमें कहा गया है कि यदि जीएसटी नियमों के तहत इस अवधि में रिटर्न दाखिल नहीं किया गया तो माल भेजने वाला, माल पाने वाला, ई-कॉमर्स परिचालक और कूरियर एजेंसी पर इलेक्ट्रॉनिक वे या ई-बिल निकालने पर रोक होगी।
नियमों के अनुसार कम्पोजिशन योजना वाले करदाता यदि दो लगातार कर अवधियों के दौरान रिटर्न दाखिल नहीं करेंगे या नियमित करदाता यदि लगातार दो माह तक रिटर्न जमा नहीं कराएंगे तो उनके ई-वे बिल निकालने पर रोक लग जाएगी। माल एवं सेवा कर व्यवस्था के तहत कंपनियों को अगले महीने की 20 तारीख तक पिछले महीने का रिटर्न दाखिल करना होता है। वहीं कम्पोजिशन योजना का विकल्प चुनने वाले कारोबारियों को तिमाही के अंत के बाद अगले महीने की 18 तारीख तक रिटर्न दाखिल करना होता है।
माल एवं सेवा कर नेटवर्क (जीएसटीएन) ने ऐसी आईटी प्रणाली स्थापित की है जिसमें निर्धारित अवधि में रिटर्न नहीं दाखिल करने वाली कंपनियों के ई-वे बिल निकालने पर रोक लग जाएगी। अधिकारियों का मानना है कि इस कदम से जीएसटी चोरी रोकने में मदद मिलेगी। बीते वित्त वर्ष की अप्रैल-दिसंबर की अवधि में जीएसटी चोरी या उल्लंघन के 15,278 करोड़ रुपये के 3,626 मामले सामने आए हैं।