बढ़ता जा रहा है भारतीय बैंकों का NPA, रिपोर्ट में दावा- मार्च तक डूबता हुआ कर्ज हो जाएगा 9.5 लाख करोड़

By IANS | Published: January 23, 2018 08:37 AM2018-01-23T08:37:45+5:302018-01-23T08:52:04+5:30

भारतीय बैंकंं का बढ़ता एनपीए सरकार के लिए गंभीर समस्या रही है। विजय माल्या जैसे कारोबारियों पर कई हजार करोड़ रुपये विभिन्न बैंकों के बकाया हैं।

Non-performing asset (NPA) of Indian Banks will become 9.5 Lakh Crores till March Said Crisil Report | बढ़ता जा रहा है भारतीय बैंकों का NPA, रिपोर्ट में दावा- मार्च तक डूबता हुआ कर्ज हो जाएगा 9.5 लाख करोड़

बढ़ता जा रहा है भारतीय बैंकों का NPA, रिपोर्ट में दावा- मार्च तक डूबता हुआ कर्ज हो जाएगा 9.5 लाख करोड़

भारतीय बैंकों का फंसा हुआ कर्ज (गैर निष्पादित परिसंपत्तियां या एनपीए) मार्च तक बढ़कर 9.5 लाख करोड़ रुपये हो जाएगी, जोकि पिछले साल मार्च में 8 लाख करोड़ रुपये थी। एसोचैम-क्रिसिल के एक संयुक्त अध्ययन में यह जानकारी दी गई है। 'एआरसीज हेडेड फॉर ए स्ट्रकचरल शिफ्ट' शीर्षक रिपोर्ट में कहा गया कि साल 2018 के मार्च तक तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के बढ़कर 11.5 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाने की उम्मीद है। 

एसोचैम ने एक बयान में अध्ययन के हवाले से कहा, "बैंकिंग प्रणाली में तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का बढ़ता स्तर एसेट रिकंस्ट्रकशन कंपनियों (एआरसीज) को भारी अवसर प्रदान करता है, जोकि फंसे हुए कर्ज (एनपीए) के समाधान की प्रक्रिया में एक महत्वपूर्ण हितधारक हैं।"

इसमें, हालांकि यह कहा गया है कि पूंजी की कमी के कारण एआरसीज के विकास में काफी गिरावट आनेवाली है। रिपोर्ट में कहा गया, "हालांकि 2019 के जून तक एआरसीज की विकास दर गिरकर 12 फीसदी के पास रहने की संभावना है, हालांकि एयूएम (प्रबंधन के अधीन संपत्ति) बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने की उम्मीद है, जोकि बहुत बड़ा आकार है।"

इस अध्ययन में कहा गया कि बैंकों को तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के लिए किए गए प्रावधानों के ऊपर और अधिक प्रावधान किए जाने की उम्मीद है। वे उन परिसंपत्तियों को कम छूट पर बेच सकते हैं। इस प्रकार पूंजी की आवश्यकता बढ़ रही है। अध्ययन में यह भी कहा गया कि दिवाला और दिवालियापन संहिता के प्रभावी क्रियान्वयन से लंबे समय तक मुकदमेबाजी से बचा जा सकेगा और तनावग्रस्त परिसंपत्तियों के उद्योग की वसूली दर को सुधारने में मदद मिलेगी।

बिजली, धातु और विनिर्माण क्षेत्रों में सबसे ज्यादा तनावग्रस्त परिसंपत्तियां (फंसे हुए कर्ज) हैं। 50 तनावग्रस्त परिसंपत्तियों (जो प्रणाली में करीब 40 फीसदी तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का निर्माण करती है) के एक विश्लेषण के मुताबिक धातु, विनिर्माण और बिजली क्षेत्र में क्रमश: 30 फीसदी, 25 फीसदी और 15 फीसदी तनावग्रस्त परिसंपत्तियां हैं, जबकि अन्य क्षेत्रों को मिलाकर कुल 30 फीसदी है। 
 

Web Title: Non-performing asset (NPA) of Indian Banks will become 9.5 Lakh Crores till March Said Crisil Report

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