मोबाइल टॉवर से स्वास्थ्य पर विपरीत असर का कोई प्रमाण नहीं, भारत में 10 गुना कड़े मानक: पोखरना

By भाषा | Updated: September 23, 2021 21:44 IST2021-09-23T21:44:25+5:302021-09-23T21:44:25+5:30

No evidence of adverse health effects from mobile towers, 10 times stricter standards in India: Pokharna | मोबाइल टॉवर से स्वास्थ्य पर विपरीत असर का कोई प्रमाण नहीं, भारत में 10 गुना कड़े मानक: पोखरना

मोबाइल टॉवर से स्वास्थ्य पर विपरीत असर का कोई प्रमाण नहीं, भारत में 10 गुना कड़े मानक: पोखरना

जयपुर, 23 सितंबर राजस्थान के दूरसंचार विभाग के लाईसेन्स सर्विस एरिया के उप-महानिदेशक सिद्वार्थ पोखरना ने कहा कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाले ईएमएफ सिग्नल पर हुए गहन शोध से यह सिद्व हुआ है कि मोबाइल टॉवर से निकलने वाले विकिरण से स्वास्थ्य को कोई नुकसान नही पहुंचता है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के प्रादेशिक लोक सम्पर्क ब्यूरो द्वारा "मोबाइल टॉवर - जरूरी व सुरक्षित" विषय पर बृहस्पतिवार को आयोजित एक वेबिनार को संबोंधित करते हुए पोखरना ने कहा कि मोबाइल का प्रयोग करने वाले लोगों की संख्या में लगातार वृद्वि हो रही है, इसलिए अच्छी कनेक्टिविटी के लिए मोबाइल टॉवर की संख्या बढानी भी आवश्यक होती है।

उन्होंने कहा कि मोबाइल टॉवर से स्वास्थ्य पर पड़ने वाले विपरीत प्रभाव के बारे में प्रचलित धारणाओं और गलत सूचनाओं का निराकरण करने के लिए लोगों तक सही एवं आधिकारिक जानकारी पहुंचना जरूरी है।

दूरसंचार विभाग के निदेशक राकेश कुमार मीना ने वेबिनार के दौरान मोबाइल टॉवर से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं पर विस्तार से जानकारी देते हुए कहा कि दूरसंचार विभाग टॉवर से निकलने वाली विकिरण की लगातार निगरानी करता है और इस पर नियंत्रण का कार्य भी करता है।

उन्होने बताया कि फिलहाल राज्य में किसी भी मोबाइल टावर से निर्धारित मानक से अधिक विकिरण नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि ऐसा होने पर कड़े आर्थिक जुर्माने का प्रावधान है जो 20 लाख रुपये प्रति घंटा हो सकता है।

उन्होने बताया कि भारत में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा निर्धारित मानक से भी 10 गुना अधिक कड़े मानक तय किये गये है, जिससे आमजन की विकिरणों के प्रति सुरक्षा सुनिश्चित हुई है। इसके साथ ही मोबाइल टॉवर की लगातार जांच की जाती है।

उन्होने कहा कि लोगों को इस बारे में किसी भी भ्रम ओैर भय का शिकार नही होना चाहिये कि वे मोबाईल टॉवर से किसी भी प्रकार से प्रभावित हो सकते हैं। इसके साथ ही वैज्ञानिक एवं चिकित्सकीय दृष्टिकोण से ऐसा कोई प्रमाण नहीं मिला है कि मोबाईल टॉवर से कोई नुकसान हुआ है।

वेबिनार को संबोधित करते हुये पत्र सूचना कार्यालय, जयपुर (रिज़न) की अपर महानिदेशक डॉ. प्रज्ञा पालीवाल गौड़ ने कहा कि आज मोबाइल फोन शिक्षा से लेकर आर्थिक गतिविधियों एवं आम जरूरत की सेवाओं के लिए आवश्यक बन गया है।

उन्होंने कहा कि आम लोगों तक यह जानकारी पहुंचाना आवश्यक है कि मोबाईल नेटवर्क टॉवर पूरी तरह सुरक्षित है और स्वास्थ्य पर इनका कोई विपरीत प्रभाव नहीं देखा गया है।

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