इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने मंगलवार को भगोड़े हीरा व्यापारी नीरव मोदी की पेंटिग्स को नीलम कर लगभग 59.37 करोड़ रुपये वसूल किए हैं।
डिपार्टमेंट ने कुल 68 पेंटिग्स को नीलामी लगवाई थी। नीलामी के लिए एक प्राइवेट कंपनी की मदद ली थी, जिसके लिए उन्हें कंपनी को कमीशन भी देना पड़ा। कमिशन देने के बाद डिपार्टमेंट के अकाउंट में 54.84 करोड़ रुपये आएंगे।
इन पेंटिग्स में महान चित्रकार राजा रवि वर्मा, वीएस गायतोंडे, एफएन सूजा, जगन चौधरी और अकबर पद्मसी की कलाकृतियां शामिल हैं। मोदी इस समय लंदन की जेल में है। बता दें कि नीरव मोदी पर इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का 97 करोड़ रुपये बकाया है।
जानें कौन है नीरव मोदी
भगोड़े हीरा कारोबारी 48 वर्षीय नीरव मोदी गहने बेचने वाली कंपनी फायरस्टार डायमण्ड के संस्थापक हैं। उनकी कंपनी के दिल्ली, मुंबई, न्यूयॉर्क, लंदन, मकाऊ और हॉन्गकॉन्ग में शोरूम हैं। साल 2015 में नीरव मोदी ने जब न्यूयॉर्क में अपनी कंपनी का शोरूम खोला था तब डोनाल्ड ट्रंप उसके उद्घाटन कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
ट्रंप जनवरी 2017 में अमेरिका के राष्ट्रपति बने थे। कारोबारी पत्रिका फोर्ब्स ने साल 2017 के अरबपतियों की सूची में नीरव मोदी को शामिल किया था। नीरव मोदी का परिवार भारतीय है लेकिन उनकी परवरिश बेल्जियम में हुई है।
नीरव मोदी ने व्हार्टन बिज़नेस स्कूल की पढ़ाई बीच में छोड़कर अपने चाचा के कारोबार में शामिल हो गये थे। नीरव ने अपने नाम के ज्वैलरी ब्रांड को शुरू किया। साल 2016 में नीरव मोदी ने बॉलीवुड स्टार प्रियंका चोपड़ा को अपना ग्लोबल ब्रांड एम्बैसडर बनाया था।
पीएनबी घोटाले में सीबीआई ने नीरव के मामा मेहुल चोकसी की आभूषण कंपनी गीतांजलि ग्रुप के खिलाफ भी जांच की है। गीतांजली ग्रुप देश के सबसे बड़े आभूषण व्यापारियों में शुमार है।
क्या है पीएनबी स्कैम
सबसे पहले यह मामला जनवरी 2018 को सामने आया जब पीएनबी ने प्रेस कांफ्रेंस कर बताया था कि उसकी दक्षिणी मुंबई स्थित एक शाखा से करीब साढ़े 11 हजार करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। इसके बाद ही सीबीआई ने 29 जनवरी को नीरव मोदी, उनकी पत्नी अमी मोदी, भाई निशाल मोदी और उनके मामा मेहुल चोकसी के खिलाफ 280 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया था।
सीबीआई ने पंजाब नेशनल बैंक की शिकायत पर ये मामला दर्ज किया था। 13 फरवरी को पंजाब नेशनल बैंक ने सीबीआई में एक अन्य शिकायत दर्ज करायी जिसमें बैंक को 11500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का दावा किया गया है।