New FASTag Annual Pass Details: 3000 रुपये और 200 ट्रिप?, नितिन गडकरी ने वार्षिक ‘पास’ पेश की, जानिए खासियत
By सतीश कुमार सिंह | Updated: June 18, 2025 17:51 IST2025-06-18T15:14:20+5:302025-06-18T17:51:45+5:30
New FASTag Annual Pass Details: राजमार्ग यात्रा ऐप के साथ-साथ NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग संघ) और MoRTH (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध कराया जाएगा।

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नई दिल्लीः सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को एक एक्स पोस्ट में कहा कि सरकार 3,000 रुपये की कीमत वाला फास्टैग आधारित वार्षिक पास पेश कर रही है। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त से जारी होने वाला यह पास जो केवल गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों के लिए उपलब्ध है। वार्षिक पास पूरे देश में राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध और लागत प्रभावी यात्रा को सक्षम करेगा। लिंक जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप के साथ-साथ NHAI (भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग संघ) और MoRTH (सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय) की आधिकारिक वेबसाइटों पर उपलब्ध कराया जाएगा।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार निजी वाहनों के लिए ‘फास्टैग’ आधारित वार्षिक ‘पास’ पेश करेगी, जिसकी कीमत 3,000 रुपये होगी। उन्होंने कहा कि यह 15 अगस्त से प्रभावी होगा जिससे राजमार्गों पर बिना किसी परेशानी के यात्रा करना संभव हो पाएगा।
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने बुधवार को कहा कि सरकार निजी वाहनों के लिए ‘फास्टैग’ आधारित वार्षिक ‘पास’ पेश करेगी, जिसकी कीमत 3,000 रुपये होगी। उन्होंने कहा कि यह 15 अगस्त से प्रभावी होगा जिससे राजमार्गों पर बिना किसी परेशानी के यात्रा करना संभव हो पाएगा।
गडकरी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर जानकारी दी कि यह ‘पास’ चालू होने की तारीख से एक साल या 200 यात्रा के लिए (जो भी पहले हो) वैध होगा। इसे खास तौर पर गैर-वाणिज्यिक निजी वाहनों जैसे कार, जीप और वैन के लिए तैयार किया गया है। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि वार्षिक ‘पास’ से देशभर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर निर्बाध एवं लागत प्रभावी यात्रा संभव हो सकेगी।
इसके लिए एक लिंक जल्द ही राजमार्ग यात्रा ऐप के साथ-साथ भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) और सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध होगा। गडकरी की इस घोषणा के बाद सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिनके पास पहले से ही ‘फास्टैग’ है, उन्हें नया फास्टैग खरीदने की आवश्यकता नहीं होगी।
मंत्रालय ने कहा, ‘‘ वार्षिक ‘पास’ को आपके मौजूदा ‘फास्टैग’ पर सक्रिय किया जा सकता है, बशर्ते कि यह पात्रता मानदंडों को पूरा करता हो (अर्थात, यह वाहन के विंडशील्ड पर ठीक से चिपका हुआ हो, वैध वाहन पंजीकरण संख्या से जुड़ा हो, ब्लैकलिस्टेड न हो आदि)।’’ वार्षिक ‘पास’ केवल राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच) और राष्ट्रीय एक्सप्रेसवे (एनई) टोल प्लाजा पर ही मान्य है।
गडकरी ने कहा कि यह नीति 60 किलोमीटर के दायरे में स्थित ‘टोल प्लाजा’ के बारे में लंबे समय से चली आ रही चिंताओं को दूर करती है और एकल, किफायती लेनदेन के माध्यम से टोल भुगतान को सरल बनाती है। मंत्री ने कहा, ‘‘ प्रतीक्षा समय, भीड़भाड़ को कम करके तथा टोल प्लाजा पर विवादों को न्यूनतम करके इस वार्षिक ‘पास’ का उद्देश्य लाखों निजी वाहन मालिकों को तीव्र एवं सुगम यात्रा का अनुभव प्रदान करना है।’’ सरकार ने सभी ‘एम’ और ‘एन’ श्रेणी के वाहनों के लिए ‘फास्टैग’ लगाना अनिवार्य कर दिया है।
‘एम’ श्रेणी में यात्रियों को ले जाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले कम से कम चार पहियों वाले वाहन शामिल हैं, जबकि श्रेणी ‘एन’ में यात्रियों के अलावा सामान ले जाने के लिए कम से कम चार पहियों वाले वाहन शामिल हैं। वर्तमान में, उन वाहनों के लिए मासिक ‘पास’ उपलब्ध हैं जो किसी विशेष टोल प्लाजा से अक्सर गुजरते हैं।
इन ‘पास’ की कीमत 340 रुपये प्रति माह और 4,080 रुपये सालाना है, जिन्हें पते का सत्यापन और अन्य प्रासंगिक दस्तावेज जमा करके हासिल किया जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग, टोल प्लाजा पर ‘फास्टैग’ के माध्यम से औसत दैनिक टोल संग्रह 200 करोड़ रुपये से कम है। निजी कारों की कुल टोल में 53 प्रतिशत हिस्सेदारी है, लेकिन इससे केवल 21 प्रतिशत ही राजस्व अर्जित होता है।
राज्य सरकारों या स्थानीय निकायों द्वारा प्रबंधित एक्सप्रेसवे, राज्य राजमार्गों (एसएच), आदि टोल प्लाजा पर ‘फास्टैग’ एक नियमित ‘फास्टैग’ के रूप में काम करेगा और इसमें उपयोगकर्ता शुल्क लागू हो सकते हैं। राजमार्ग मंत्रालय ने कहा कि वार्षिक ‘पास’ केवल निजी गैर-वाणिज्यिक कार/जीप/वैन के लिए ही लागू है।
किसी भी वाणिज्यिक वाहन के लिए इस्तेमाल किए जाने पर बिना किसी सूचना के इसे तत्काल निष्क्रिय कर दिया जाएगा। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि वार्षिक ‘पास’ अनिवार्य नहीं है और मौजूदा फास्टैग प्रणाली हमेशा की तरह काम करती रहेगी, ‘‘जो उपयोगकर्ता वार्षिक ‘पास’ का विकल्प नहीं चुनते हैं, वे टोल प्लाजा पर लागू उपयोगकर्ता शुल्क दरों के अनुसार नियमित लेनदेन के लिए अपने फास्टैग का इस्तेमाल करना जारी रख सकते हैं।’ राजमार्ग उपयोगकर्ता 200 यात्रा की सीमा समाप्त होने के बाद वार्षिक ‘पास’ फिर से खरीद सकते हैं, भले ही एक साल की वैधता अवधि समाप्त नहीं हुई हो।
दूरी-आधारित: जो लोग वार्षिक मॉडल का विकल्प नहीं चुनना चाहते हैं, उनके लिए प्रति 100 किलोमीटर पर 50 रुपये का फ्लैट टोल मौजूदा टोल प्लाजा पर ले सकते हैं। संयोग से, सरकार ने 'लाइफटाइम फास्टैग' के लिए पहले के प्रस्ताव को टाल दिया था, जिसकी कीमत 30,000 रुपये थी, लेकिन यह केवल 15 साल के लिए वैध था।
नई प्रणाली मौजूदा फास्टैग अवसंरचना का उपयोग करेगी, लेकिन अंततः टोल बूथों को सेंसर-आधारित संग्रह प्रणालियों से प्रतिस्थापित करेगी, जो बाधा-मुक्त यात्रा के लिए जीपीएस और स्वचालित वाहन ट्रैकिंग पर निर्भर करेगी।
