गैर-महानगरों में चिकित्सा ढांचे के लिए ऋण गारंटी योजना को आगे बढ़ाने की जरूरत: वित्त मंत्री
By भाषा | Published: August 31, 2021 09:09 PM2021-08-31T21:09:17+5:302021-08-31T21:09:17+5:30
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को सभी हितधारकों से कहा कि वे भविष्य में महामारी की संभावित तीसरी लहर से निपटने के लिए गैर-महानगरों में स्वास्थ्य सुविधा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के उद्देश्य से कोविड प्रभावित क्षेत्रों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की ऋण गारंटी योजना को तेजी से बढ़ाने की जरूरत है। यह देखते हुए कि ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ दूसरी और तीसरी श्रेणी के शहरों में चिकित्सा क्षमता बढ़ाना बहुत महत्वपूर्ण है, वित्त मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में व्यापक सुधार से अर्थव्यवस्था के पुनरुद्धार में भी मदद मिलेगी। वित्त मंत्री ने कहा "हमें इसे (योजना) समय के भीतर पूरा करने की जरूरत है। हमें इसे पूरे देश में करने की जरूरत है, खासकर उन हिस्सों में जहां हमारे पास पर्याप्त चिकित्सा बुनियादी ढांचा नहीं है, और इसलिए मुझे लगता है कि वित्तीय सेवा विभाग, उद्योग से जुड़े हितधारकों और बैंकों को स्थानीय क्षेत्रों में बहुत अधिक जानकारी साझा करने की जरूरत है।"उन्होंने सभी हितधारकों - बैंकों, चिकित्सा क्षेत्र, औषधि उद्योग या चिकित्सा उपकरण निर्माता कंपनियों को स्थानीय स्तर पर जागरुक करने और जागरुकता अभियान चलाने की जरूरत पर जोर दिया।केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल जून में इस योजना को मंजूरी दी थी और यह योजना 31 मार्च, 2022 या 50,000 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत होने तक, जो भी पहले हो, मंजूर किए जाने वाले सभी पात्र ऋणों पर लागू होगी। वित्त मंत्री ने कहा कि वह वित्तीय सेवाओं के विभाग के जरिये साप्ताहिक आधार पर योजना की निगरानी करेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि इसका लाभ जल्द से जल्द जमीनी स्तर तक पहुंचे, क्योंकि इस मामले में और समय नहीं गंवाया जा सकता है। जहां तक टीकाकरण की बात है स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि अब तक 65 करोड़ टीके लगाये जा चुके हैं। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पॉल ने इस अवसर पर कहा कि देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में ढांचागत सुविधाओं की काफी कमी है, इसे बढ़ाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि देश में अस्पतालों में बिस्तरों की संख्या को मौजूदा प्रति हजार एक से बढ़ाकर दो बिस्तरे करने की आवश्यकता है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।