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राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड ने पिछले एक साल में रिकॉर्ड 1,278 लंबित सब्सिडी आवेदनों को मंजूरी दी

By भाषा | Updated: May 10, 2021 21:28 IST

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नयी दिल्ली, 10 मई कृषि मंत्रालय ने सोमवार को कहा कि उसके स्वायत्त निकाय, राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड (एनएचबी) ने उच्च तकनीक वाली समन्वित वाणिज्यिक बागवानी विकास योजना में सब्सिडी के रिकॉर्ड 1,278 लंबित सब्सिडी आवेदनों को मंजूरी दी है।

एक बयान में कहा गया, ‘‘एनएचबी ने इसके लिए युद्ध स्तर पर काम किया है।’’ कृषि सचिव तथा एनएचबी के प्रबंध समिति के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कार्य की नियमित निगरानी की।

मंत्रालय के प्रत्यक्ष पर्यवेक्षण के तहत, एनएचबी ने योजना के दिशानिर्देशों, दस्तावेजीकरण और नए आवेदनों की प्रसंस्करण प्रक्रिया के सरलीकरण के जरिये कारोबार करने में आसानी के लिए कई कदम उठाए हैं।

मंत्रालय के अनुसार, एनएचबी ने 357 लाभार्थियों को सब्सिडी जारी की है, जबकि पिछले एक साल में 921 नई परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है।

इसके अलावा, एनएचबी ने मंत्रालय की कृषि बुनियादी ढांचा कोष योजना के साथ अपनी बाद में भुगतान किये जाने वाले पूंजी निवेश सब्सिडी योजनाओं के बीच तालमेल बिठाने की सुविधा भी दी है, ताकि किसानों और उद्यमियों को बागवानी क्षेत्र में कटाई बाद के ऊपज प्रबंधन एवं शीतभंडारण बुनियादी ढांचे की स्थापना के काम में दो करोड़ रुपये तक के ऋण के लिए ऋण गारंटी के साथ तीन प्रतिशत की ब्याज सहायता का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।

मंत्रालय ने कहा कि एनएचबी की बाद में भुगतान की जाने वाली पूंजी निवेश सब्सिडी योजनाएं न केवल बागवानी क्षेत्र में निजी क्षेत्र से भारी निवेश आकर्षित कर रही हैं, बल्कि देश में लागत प्रभावी ग्रीनहाउस और शीत भंडारण प्रौद्योगिकियों के स्वदेशीकरण में भी सहायक हैं।

एनएचबी की योजनाएं, व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण फूलों और उच्च मूल्य वाली सब्जियों के लिए संरक्षित खेती के तहत बड़ा रकबा स्थापित करने और देश में शीत भंडारण क्षमता की स्थापना करने में भी सफल रही हैं।

इसमें कहा गया है कि एनएचबी के वित्तीय समर्थन के साथ, खुले तथा संरक्षित क्षेत्र दोनों ही जगहों पर उच्च् तकनीकी बागवानी खेती के तहत 2,210 एकड़ के अतिरिक्त रकबे को लाया गया है। इसके अलावा, एनएचबी की कोल्ड स्टोरेज योजना के तहत 1.15 लाख टन की अतिरिक्त शीत भंडारण क्षमता बनाई गई है।

एक अलग बयान में, मंत्रालय ने कहा कि सरकार ने देश में बागवानी क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए एक केंद्रीय योजना 'मिशन फॉर इंटीग्रेटेड डेवलपमेंट ऑफ हार्टिकल्चर (एमआईडीएच) योजना के लिए वित्तवर्ष 2021-22 में 2,250 करोड़ रुपये का बढ़ा हुआ आवंटन दिया है।

एमआईडीएच को वर्ष 2014-15 में लागू किया गया था और इसने बागवानी फसलों के तहत खेती के रकबे को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

एमआईडीएच की पहल से न केवल बागवानी क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता बढ़ी है, बल्कि इसने शून्य भूख, अच्छे स्वास्थ्य और देखभाल, गरीबी उन्मूलन, लिंग समानता, आदि के सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने में योगदान दिया है।

मंत्रालय ने कहा, 'हालांकि, इस क्षेत्र को अभी भी फसल कटाई के बाद के नुकसान तथा कटाई बाद के फसल प्रबंधन एवं आपूर्ति श्रृंखला के बुनियादी ढांचे के बीच की खाई होने के मामले जैसी कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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