मूडीज ने आठ कंपनियों, तीन बैंकों की रेटिंग घटाई, एसबीआई ने कहा-कदम हैरान करने वाला नहीं
By भाषा | Published: June 2, 2020 08:49 PM2020-06-02T20:49:34+5:302020-06-02T20:49:34+5:30
रेटिंग एजेंसी ने इसके साथ ही एनटीपीसी, एनएचएआई, गेल और अदाणी ग्रीन एनर्जी रिसट्रिक्टिड ग्रुप सहित सात भारतीय ढाचांगत क्षेत्र की कंपनियों की रेटिंग भी एक पायदान नीचे कर दी है। आईआरएफसी और हुडको की ‘इश्युअर रेटिंग’ को भी घटा दिया गया है।
नई दिल्लीः रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत की रेटिंग को घटाना हैरान करने वाला कदम नहीं है। एसबीआई की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इसमें हैरानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि वैश्विक रेटिंग एजेंसियों ने कोविड-19 संकट फैलने के बाद से करीब 21 उभरती अर्थव्यवस्थाओं का रेटिंग परिदृश्य कम किया है।
मूडीज ने भारत की सॉवरेन रेटिंग को घटाकर नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीएए3 कर दिया है। रेटिंग एजेंसी ने कहा है कि उसने धीमी वृद्धि दर, बढ़ते कर्ज तथा वित्तीय प्रणाली में दबाव के मद्देनजर यह कदम उठाया है। भारत की रेटिंग घटाने के अलावा मूडीज ने 11 भारतीय बैंकों की रेटिंग पर भी कदम उठाया है।
एसबीआई की शोध रिपोर्ट ‘इकोरैप’ में कहा गया है, ‘रेटिंग में कटौती उम्मीद के विपरीत नहीं है। आंकड़ों से पता चलता है कि बाजार रेटिंग में कमी से प्रभावित नहीं हुआ है। बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी दोनों में लाभ दर्ज हुआ है। डॉलर के मुकाबले रुपया भी मजबूत हुआ है।’’
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत अकेला देश नहीं है जिसकी रेटिंग घटाई गई है। अभी तक दुनिया के 21 उभरते और विकासशील देशों की या तो रेटिंग घटाई गई है या परिदृश्य घटाया गया है। यह पूरी तरह हैरान करने वाला नहीं है क्योंकि दबाव के समय विकसित अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में उभरते बाजारों की रेटिंग घटने की आशंका अधिक रहती है।
रिपोर्ट कहती है कि रेटिंग कार्रवाई भारत सरकार की ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने की क्षमता को लेकर नहीं है। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के कुल कर्ज का सॉवरेन विदेशी कर्ज करीब 20 प्रतिशत है। विदेशी मुद्रा भंडार का मौजूदा स्तर ऋण प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त है।
मूडीज ने आठ कंपनियों, तीन बैंकों की रेटिंग घटाई
भारत की राष्ट्रीय साख रेटिंग को एक पायदान नीचे करने के एक दिन बाद मूडीज़ इन्वेस्टर्स सर्विस ने मंगलवार को इनफोसिस, टीसीएस, ओएनजीसी सहित आठ गैर- वित्तीय कंपनियां और स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्जिम बैंक की रेटिंग भी घटा दी। रेटिंग एजेंसी ने इसके साथ ही एनटीपीसी, एनएचएआई, गेल और अदाणी ग्रीन एनर्जी रिसट्रिक्टिड ग्रुप सहित सात भारतीय ढाचांगत क्षेत्र की कंपनियों की रेटिंग भी एक पायदान नीचे कर दी है। आईआरएफसी और हुडको की ‘इश्युअर रेटिंग’ को भी घटा दिया गया है।
मूडीज का कहना है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण अर्थव्यवस्था में पैदा हुआ व्यावधान और भारत की सावरेन रेटिंग में की गई कमी ही मंगलवार को उठाये गये इन कदमों की मुख्य वजह हैं। मूडीज ने इससे पहले सोमवार को 22 साल में पहली बार भारत की साख को ‘बीएए2’ से घटाकर ‘बीएए3’ कर दिया। यह रेटिंग सबसे निचला निवेश गस्त हैं। इससे एक पायदान नीचे कबाड़ रेटिंग होती है। मूडीज ने कहा है, ‘‘ओएनजीसी, एचपीसीएल, आयल इंडिया लिमिटेड, इंडियन आयल कार्पोरेशन लिमिटेड, बीपीसीएल, पेट्रोनेट एलएनजी, टीसीएस और इन्फोसिस-- इन सभी आठ गैर- वित्तीय क्षेत्र की कंपनियों की दीर्घकालिक ‘इश्युअर रेटिंग’ को घटा दिया गया है। इन सभी रेटिंग के लिये परिदृश्य नकारात्मक है। ’’
रेटिंग एजेंसी ने हालांकि रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड की रेटिंग को बरकरार रखा है लेकिन उसके लिये परिदृश्य को स्थिर से बदलकर नकारात्मक कर दिया है। बैंकों के मामले में मूडीज ने एचडीएफसी बैंक और स्टेट बैंक की दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जमा रेटिंग को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया। एक्जिम इंडिया की दीर्घकालिक जारीकर्ता रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ बीएए3 पर ला दिया गया है। इन बैंकों की जमा रेटिंग उसी स्तर पर रखी गई है जिस स्तर पर भारत की रेटिंग है।
यह रेटिंग बीएए3 पर है। इसके साथ ही मूडीज ने एचडीएफसी बैंक की बेसलाइन क्रेडिट ऐससमेंट (बीसीए) को बीएए2 से घटाकर बीएए3 कर दिया। मूडीज ने बैंक आफ बड़ौदा, बैंक आफ इंडिया, केनारा बैंक और यूनियन बैंक आफ इडिया की दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जमा रेटिंग और उनके बीसीए की भी समीक्षा कर रही है। एजेंसी ने इंडसइंड के दीर्घकालिक स्थानीय और विदेशी मुद्रा जमा रेटिंग को नकारात्मक परिदृश्य के साथ घटा दिया है।