मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई, कहा- सरकार किसानों की मजबूती के लिए काम करती रहेगी

By भाषा | Updated: December 28, 2020 22:02 IST2020-12-28T22:02:01+5:302020-12-28T22:02:01+5:30

Modi gave the green signal to the 100th Kisan Rail, said - Government will continue to work for the strength of farmers | मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई, कहा- सरकार किसानों की मजबूती के लिए काम करती रहेगी

मोदी ने 100वीं किसान रेल को हरी झंडी दिखाई, कहा- सरकार किसानों की मजबूती के लिए काम करती रहेगी

नयी दिल्ली, 28 दिसंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किसान रेल के 100वें फेरे को हरी झंडी दिखायी। यह रेल फल- सब्जी लेकर महाराष्ट्र के संगोला से पश्चिम बंगाल के शालीमार के लिये रवाना हुई। उन्होंने इस मौके पर जोर देते हुये कहा कि उनकी सरकार ने कृषि को बढ़ावा देने और किसानों को मजबूत बनाने के लिए कृषि क्षेत्र में ऐतिहासिक सुधार किये हैं।

उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये किसान रेल हरी झंडी दिखाने के बाद कहा कि कृषि क्षेत्र में सुधार के लिये उनकी सरकार की नीतियां स्पष्ट हैं और इरादे पारदर्शी हैं। उन्होंने कहा कि सरकार पूरी ताकत और समर्पण के साथ किसानों और कृषि क्षेत्र को मजबूत बनाने का काम जारी रखेगी।

केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के एक वर्ग द्वारा लगातार किये जा रहे प्रदर्शन के बीच उनकी यह टिप्पणी आई है। हालांकि मोदी ने इस मौके पर कृषि कानूनों का सीधे उल्लेख नहीं किया, लेकिन वह इस बात पर जोर देते रहे हैं कि ये कानून किसानों के हित में हैं और विपक्ष इनको लेकर किसानों को गुमराह कर रहा है।

किसान रेल की शुरुआत मोदी सरकार ने इस साल अगस्त में की। इसके जरिये छोटे और सीमांत किसानों को अपनी उपज को दूर-दराज के बाजारों में भेजने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है, जिससे किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि इन रेल सेवाओं की भारी मांग के चलते इनके फेरों को बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा, यह इस बात का भी प्रमाण है कि किसान नई संभावनाओं के लिए कितने उत्सुक हैं।

मोदी ने कहा कि सरकार आपूर्ति श्रृंखला, कोल्ड स्टोरेज और मूल्यवर्धन सुविधाओं को बढ़ाने के लिए काम कर रही है।

मोदी ने कहा, ‘‘किसान रेल परियोजना न केवल किसानों की सेवा के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दिखाती है, बल्कि इस बात का भी प्रमाण है कि हमारे किसान नयी संभावनाओं के लिए कितनी तेजी से तैयार हैं। किसान अब अपनी फसलों को दूसरे राज्यों में भी बेच सकते हैं, जिसमें किसान रेल ​​और कृषि उड़ानों की बड़ी भूमिका है। किसान रेल पूरी सुरक्षा के साथ फल, सब्जियां, दूध, मछली आदि जैसी जल्द खराब होने वाली चीजों को एक स्थान से दूसरे स्थान ले जाने के लिए एक चलता फिरता कोल्ड स्टोरेज है। भारत में आजादी से पहले भी एक बड़ा रेल नेटवर्क रहा। कोल्ड स्टोरेज तकनीक भी उपलब्ध थी। अब किसान रेल के माध्यम से ही ताकत का उचित उपयोग किया जा रहा है।’’

प्रधानमंत्री ने कहा कि किसान रेल जैसी सुविधा ने पश्चिम बंगाल के लाखों छोटे किसानों को एक बड़ी सुविधा दी है। यह सुविधा किसान के साथ-साथ स्थानीय छोटे व्यवसायों के लिए भी उपलब्ध है।

महाराष्ट्र से पश्चिम बंगाल तक चलने वाली यह ट्रेन लगभग 39 घंटे में 54.6 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 400 टन से अधिक कार्गो के साथ 2,132 किलोमीटर की दूरी तय करेगी। यह कुरुदवाड़ी, दौंड, बेलापुर, कोपरगाँव, भुसावल, वारुद ऑरेंज सिटी, दुर्ग, बिलासपुर, झारसुगुड़ा, राउरकेला और टाटानगर में प्रमुख ठहराव के साथ महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा से होकर गुजरेगी।

एक आधिकारिक बयान के मुताबिक इस रेल गाड़ी में कई तरह के फल एवं सब्जियों को लादकर भेजा जा रहा है। इसमें फूलगोभी, बंद गोभी, शिमला मिर्च, मिर्च और प्याज के अलावा अंगूर, संतरा, केला, अनार और अन्य फल हैं।

बयान के मुताबिक रेलगाड़ी जिन स्टेशनों पर रुकेगी, वहां सभी तरह की कृषि उपज को चढ़ाने-उतारने की सुविधा होगी और इसके जरिए सामान भेजने के लिए मात्रा की कोई शर्त नहीं है।

पहली किसान रेल की शुरुआत सात अगस्त को महाराष्ट्र के देवलाली से बिहार के दानापुर तक की गई थी, जिसे बाद में मुजफ्फरपुर तक बढ़ाया गया।

किसानों की अच्छी प्रतिक्रिया मिलने के बाद इसके फेरों की संख्या सप्ताह में एक दिन से बढ़ाकर सप्ताह में तीन दिन कर दी गई।

बयान के मुताबिक, ‘‘किसान रेल ने देश भर में कृषि उपज का तेजी से परिवहन सुनिश्चित करने में बड़ी भूमिका निभाई है। इसने कृषि उपज के लिए निर्बाध आपूर्ति श्रृंखला मुहैया कराई है।

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