कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने किसानों से कहा, हठ छोड़ें, घर लौटें

By भाषा | Updated: November 19, 2021 20:29 IST2021-11-19T20:29:21+5:302021-11-19T20:29:21+5:30

Minister of State for Agriculture Chaudhary told the farmers, give up stubbornness, return home | कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने किसानों से कहा, हठ छोड़ें, घर लौटें

कृषि राज्यमंत्री चौधरी ने किसानों से कहा, हठ छोड़ें, घर लौटें

नयी दिल्ली, 19 नवंबर किसानों द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की कानूनी गारंटी मिलने तक अपना विरोध-प्रदर्शन जारी रखने के निर्णय के बीच कृषि राज्यमंत्री कैलाश चौधरी ने शुक्रवार को किसानों से घर लौटने और अड़ियल रवैया नहीं अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करके उनकी मांग को पूरा कर दिया है इसलिए वे अपने घर लौट जाएं।

पीटीआई-भाषा से बात करते हुए चौधरी ने कहा कि लंबे समय से इस तरह के कानूनों की मांग किये जाने के बाद किसानों के हित में तीन केंद्रीय कृषि कानून लाए गए थे। उन्होंने कहा कि पिछली सरकारों ने भी इन कानूनों को लाने की कोशिश की थी।

हालांकि, किसान समुदाय के एक वर्ग ने सरकार और किसान संघों के प्रमुख प्रतिनिधियों के बीच कई दौर की चर्चा के बावजूद इन कानूनों को समझने की कोशिश नहीं की।

चौधरी ने कहा, ‘‘चर्चा के बाद भी उन्होंने इन कानूनों को समझने की कोशिश नहीं की। मुझे लगता है कि हम कुछ किसानों को समझाने में सफल नहीं हो सके। इसलिए बड़े दिल से प्रधानमंत्री ने तीन कृषि कानूनों को निरस्त करने का ऐतिहासिक फैसला लिया।’’

उन्होंने कहा कि विधेयकों को निरस्त करने का निर्णय चर्चा के बाद लिया गया था और कहा कि अगर इन कानूनों को लागू किया गया होता, तो किसानों को लाभ प्राप्त करने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना पड़ता।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी होने तक किसान संगठनों के विरोध-प्रदर्शन को वापस नहीं लेने के फैसले पर मंत्री ने कहा, ‘‘क्या इससे बड़ा कोई फैसला हो सकता है जो प्रधानमंत्री ने किसानों के एक छोटे से वर्ग के हित को ध्यान में रखते हुए लिया? उनकी मांग कानूनों को निरस्त करने की थी और यह मांग अब पूरी हो रही है।’’

उन्होंने आगे कहा कि किसान संघ के नेताओं को अड़ियल नहीं होना चाहिए। ‘‘अब घर वापसी होना चाहिए (उन्हें अपने घरों को लौट जाना चाहिए)। उन्हें अपनी खेती की गतिविधियों पर ध्यान देना चाहिए।’’

एक बड़े फैसले के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र के नाम संबोधन में विवादास्पद तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने और एमएसपी पर एक समिति के गठन और शून्य-बजट खेती को बढ़ावा देने की घोषणा की।

इससे पहले दिन में 40 कृषि संघों के सर्वोच्च निकाय - संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) - ने कहा, ‘‘किसानों का आंदोलन न केवल तीन काले कानूनों को निरस्त करने के खिलाफ है, बल्कि सभी कृषि उत्पादों और सभी किसानों के लिए लाभकारी मूल्य की वैधानिक गारंटी के लिए भी है। किसानों की इस महत्वपूर्ण मांग पर अब भी चुप्पी है।’’

एसकेएम ने कहा कि बिजली संशोधन विधेयक को वापस लेने की मांग अभी बाकी है।

भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि संसद में तीन कानूनों को निरस्त करने और फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दिये जाने के बाद ही किसानों का विरोध-प्रदर्शन वापस लिया जाएगा।

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Web Title: Minister of State for Agriculture Chaudhary told the farmers, give up stubbornness, return home

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