खनन इंजीनियरों ने गोवा में खनन क्षेत्र में बढ़ती बेरोजगारी पर चिंता जताई
By भाषा | Published: August 31, 2021 04:35 PM2021-08-31T16:35:32+5:302021-08-31T16:35:32+5:30
भारतीय खनन अभियंता संघ ने मंगलवार को गोवा में खनन पेशेवरों की बढ़ती बेरोजगारी तथा राज्य में खनन फिर से शुरू करने को लेकर किसी समाधान तक पहुंचने में देरी के कारण रोजगार के अवसरों के खत्म होने पर चिंता जताई है। माइनिंग इंजीनियर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एमईएआई)-गोवा चैप्टर ने बेरोजगारी के संकट को दूर करने तथा लौह अयस्क की अंतरराष्ट्रीय मांग बढ़ने की मौजूदा स्थिति का अधिकतम लाभ उठाने के लिए राज्य में खनन क्षेत्र में तत्काल गतिविधियां शुरू किये जाने की मांग की। एमईएआई ने कहा, ‘‘मौजूदा स्थिति में गोवा न केवल रोजगार के अवसरों को बल्कि राजस्व कमाने का अवसर भी गंवा रहा है। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय बाजार में लौह अयस्क की मांग अच्छी है। गोवा में खनन उद्योग लगभग 3.5 वर्षों से भी अधिक समय से बंद पड़ा है। इस समस्या का ठोस समाधान निकालने की जरुरत है।’’ संगठन का कहना है कि, ‘‘कभी भारत का आत्मनिर्भर रहने वाला राज्य, गोवा मौजूदा समय में 22,000 करोड़ रुपये से अधिक का कर्जदार है। यह राशि प्रति परिवार पर पांच से छह लाख रुपये से अधिक बैठती है।’’ राज्य में खनन उद्योग 70 से अधिक वर्षों से गोवा की अर्थव्यवस्था की मदद कर रहा है और लगभग 3,00,000 लोगों को आजीविका देता रहा है। एमईएआई (गोवा चैप्टर) के अध्यक्ष, क्लेटस डिसूजा ने कहा, ‘‘गोवा में खनन की बहाली राज्य में योग्य खनन पेशेवरों के लिए आर्थिक पुनरुद्धार और स्थिर भविष्य को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है। खनन उद्योग के रुकने के कारण गोवा राज्य आर्थिक विकास, रोजगार दर और समग्र विकास के मामले में पूरी तरह से गतिरोध की स्थिति में है।
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