Market Capitalization: टूटे रिकॉर्ड, बाजार पूंजीकरण 43724261.40 करोड़ रुपये, सेंसेक्स 77,301.14 अंक पर बंद
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 18, 2024 06:54 PM2024-06-18T18:54:21+5:302024-06-18T18:55:11+5:30
Market Capitalization: बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 308.37 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,301.14 अंक के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर बंद हुआ।
Market Capitalization: घरेलू शेयर बाजार में तेजी का सिलसिला जारी रहने के बीच मंगलवार को बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण (मार्केट कैप) बढ़कर 437.24 लाख करोड़ रुपये के नए रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया। बीएसई का मानक सूचकांक सेंसेक्स 308.37 अंक यानी 0.40 प्रतिशत की बढ़त के साथ 77,301.14 अंक के सर्वकालिक उच्चतम स्तर पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान सेंसेक्स ने एक समय 374 अंक की बढ़त के साथ 77,366.77 अंक के उच्चतम शिखर को भी छुआ। बाजार में मंगलवार को लगातार चौथे दिन तेजी का सिलसिला कायम रहा।
इन चार कारोबारी सत्रों में निवेशकों की पूंजी में कुल 10.29 लाख करोड़ रुपये का उछाल आया है। इसके साथ ही बीएसई में सूचीबद्ध कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 4,37,24,261.40 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। यह बाजार पूंजीकरण का नया रिकॉर्ड स्तर है।
प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये हुआ, अग्रिम कर राजस्व में हुई वृद्धि
आयकर विभाग ने मंगलवार को कहा कि चालू वित्त वर्ष में अबतक शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह 21 प्रतिशत बढ़कर 4.62 लाख करोड़ रुपये हो गया। इसमें अग्रिम कर संग्रह में हुई वृद्धि का विशेष योगदान रहा। अग्रिम कर की पहली किस्त 15 जून को देय थी। यह संग्रह 27.34 प्रतिशत बढ़कर 1.48 लाख करोड़ रुपये रहा है।
इसमें 1.14 लाख करोड़ रुपये का कॉरपोरेट कर (सीआईटी) और 34,470 करोड़ रुपये का व्यक्तिगत आयकर (पीआईटी) शामिल है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि 4,62,664 करोड़ रुपये (17 जून, 2024 तक) के शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में 1,80,949 करोड़ रुपये का सीआईटी और 2,81,013 करोड़ रुपये का पीआईटी (प्रतिभूति लेनदेन कर सहित) शामिल हैं।
वित्त वर्ष 2024-25 में 17 जून तक 53,322 करोड़ रुपये का रिफंड भी जारी किया गया है। यह पिछले साल इसी अवधि के दौरान जारी किए गए रिफंड से 34 प्रतिशत अधिक है। इस साल एक अप्रैल से 17 जून के दौरान प्रत्यक्ष करों का सकल संग्रह (रिफंड के लिए समायोजन से पहले) सालाना आधार पर 22.19 प्रतिशत बढ़कर 5.16 लाख करोड़ रुपये रहा।