'हफ्ते में 70 घंटे' की बहस पर अब मैरिको चेयरमैन हर्ष मारीवाला ने की टिप्पणी, कहा- बिताए घंटों के बजाय काम में गुणवत्ता और जुनून भी होना जरूरी
By आकाश चौरसिया | Published: October 29, 2023 05:10 PM2023-10-29T17:10:23+5:302023-10-29T17:38:40+5:30
पिछले दिनों नारायण मूर्ति ने युवाओं को लेकर कहा था कि उन्हें हफ्ते में 70 घंटे काम करना चाहिए। लेकिन अब मैरिको प्रमुख ने इससे अलग राय जाहिर की और कहा उस काम में घंटों की बजाय युवाओं में जुनून होना बेहद जरुरी।
नई दिल्ली: इंफोसिस सह-संस्थापक एन आर नारायण मूर्ति की हफ्ते में 70 घंटे की बात पर मैरिको चेयरमैन हर्ष मारीवाला ने कहा इन घंटों के बजाय गुणवत्ता और जुनून के बारे में बात करनी चाहिए क्योंकि जो व्यक्ति उन घंटों में अपने आपको लगाता है। इस बात को उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर जाहिर किया।
उन्होंने एक्स पर आगे कहा कठोर मेहनत करना सफलता की कुंजी है, लेकिन यह बिताए घंटो में बेहतर उत्पादकता हो यह संभव नहीं। हाल में चीन को मात देने के लिए भारत के युवा को सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहिए।
हर्ष मारीवाला ने आगे कहा कि यह सुनिश्चित करना होगा कि युवा काम में व्यस्त रहे और प्रोत्साहित भी। इसके लिए उन्हें सौंपी गई जिम्मेदारी में चुनौतियां का सामना ही न करना पड़ा बल्कि उसकी जगह उन्हें बढ़ने में मदद मिले और वो कुछ नया सीखे।
जब कोई व्यक्ति ऐसा रास्ता देखता है, जहां कड़ी मेहनत एक आशाजनक भविष्य में बदल जाती है, तो वह स्वाभाविक रूप से अपना सर्वश्रेष्ठ देने के लिए इच्छुक होता है। उन्होंने कहा कि यह काफी उत्साहजनक होगा कि कोई कंपनी उस कार्य संस्कृति में उत्पादकता बढ़ानी हो तो पारदर्शिता, विश्वास और गपशप, चुगली और राजनीति से परे है।
Reflecting on the recent sentiments expressed by Mr. Narayan Murthy regarding the youth working 70 hours a week, I feel compelled to share my perspective. Undeniably, hard work is the backbone of success, but it is not about the hours clocked in. It's about the quality and…
— Harsh Mariwala (@hcmariwala) October 29, 2023
उन्होंने ट्वीट के माध्यम से कहा, "अंतिम उद्देश्य काम को इतना स्फूर्तिदायक और फायदेमंद होना चाहिए कि काम और जीवन में संतुलन बना रहे। जब युवा पेशेवर भावुक होते हैं और जो काम करते हैं उसमें उद्देश्य देखते हैं, तो संतुलन की आवश्यकता व्यक्तिगत और व्यावसायिक पूर्ति का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण बन जाती है।"