महाराष्ट्र सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं करेगी, फड़नवीस ने कहा-राजकोष पर 110000 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और राज्य दिवालिया हो जाएगा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 21, 2022 02:44 PM2022-12-21T14:44:00+5:302022-12-21T14:45:22+5:30
कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ और राजस्थान में पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाल कर दी गई है। हिमाचल प्रदेश में इसे लागू करने का वादा किया है। पंजाब में यह व्यवस्था बहाल है।
नागपुरः महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने बुधवार को कहा कि सरकार पुरानी पेंशन योजना बहाल नहीं करेगी क्योंकि इससे राजकोष पर 1.10 लाख करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा और राज्य दिवालिया हो जाएगा। राज्य विधानसभा में एक सवाल पर फड़नवीस ने कहा कि पुरानी पेंशन योजना 2005 में बंद कर दी गयी थी।
उन्होंने राज्य के हित में पुरानी पेंशन योजना बंद करने का फैसला लेने के लिए तत्कालीन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की सरकार की प्रशंसा भी की। इस योजना के तहत कर्मचारी को पेंशन के रूप में अंतिम वेतन की 50 प्रतिशत धन राशि दी जाती थी।
महाराष्ट्र के वित्त मंत्री फड़नवीस ने कहा, ‘‘सरकार पुरानी योजना के अनुसार पेंशन नहीं देगी। अगर पुरानी पेंशन योजना लागू की जाती है तो इससे 1,10,000 करोड़ रुपये का बोझ बढ़ेगा और इससे राज्य दिवालिया हो जाएगा। पुरानी पेंशन योजना लागू नहीं होगी।’’
पुरानी पेंशन योजना का ‘भूत’ मत जगाइए, नहीं तो हालत ‘श्रीलंका’ जैसी हो जाएगी: सुशील मोदी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और बिहार के पूर्व उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की कुछ राज्यों की घोषणा को ‘‘अनैतिक’’ करार दिया और कहा कि आज तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन वर्ष 2034 में उनकी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी। राज्यसभा में अनुदान की अनुपूरक मांगों पर चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा सदस्य ने पुरानी पेंशन व्यवस्था बहाली की घोषणा करने वाले राज्यों से कहा कि उनके द्वारा आज का बोझ भविष्य की पीढ़ी पर डालना ‘‘बहुत बड़ा अपराध’’ होगा।
सुशील मोदी ने कहा कि जब राज्य आगे बढ़ेंगे तभी देश आगे बढ़ेगा लेकिन पिछले कुछ दिनों से देश के कई राज्यों में पुरानी पेंशन योजना को लागू करने की घोषणा की गई है। उन्होंने कहा, ‘‘पुरानी पेंशन योजना में जाना शर्मनाक, गैर-सैद्धांतिक और अनैतिक होगा क्योंकि इससे भविष्य की सरकारों के लिए महत्वपूर्ण देनदारियां पैदा होंगी, उनके आर्थिक प्रदर्शन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।’’
मोदी ने कहा कि आने वाली पीढ़ी के लिए बोझ छोड़कर जाएं, यह कदापि उचित नहीं होगा। उन्होंने कहा, ‘‘आज आपको कोई दिक्कत नहीं होगी लेकिन 2034 में जो सरकार आएगी, उसकी अर्थव्यवस्था तबाह हो जाएगी। और भारत के बहुत सारे ऐसे राज्य होंगे, जिनकी हालत श्रीलंका जैसी हो जाएगी।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसलिए मैं आग्रह करूंगा कि पुरानी पेंशन योजना के भूत को मत जगाइए। यह बहुत बड़ा खतरा है। हम पूरे देश को संकट में डाल देंगे।’’ मोदी ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के कार्यकाल में पुरानी पेंशन योजना के स्थान पर नयी पेंशन योजना इस देश में प्रारंभ हुई थी उस समय सारे राज्यों को एक मंच पर लाने का काम किया गया था।
उन्होंने कहा कि इस समय पांच लाख 76 हजार करोड़ रुपये का, प्रत्येक वर्ष केवल पेंशन के रूप में राज्यों और केंद्र को भुगतान करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘हिमाचल प्रदेश अपने कुल राजस्व का 80 प्रतिशत केवल पेंशन पर व्यय करता है। बिहार का 60 प्रतिशत और पंजाब का 34 प्रतिशत पेंशन पर व्यय होता है। अगर आय और ब्याज को जोड़ दिया जाए तो राज्यों के पास कुछ भी नहीं बचेगा।’’ उन्होंने राज्यों से आग्रह किया कि वे आज का बोझ भविष्य की पीढ़ी पर ना डालें। उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा करना बहुत बड़ा अपराध होगा।’’