Lockdown Impact: Zomato के बाद, Swiggy ने 1100 कर्मचारियों के छंटनी की घोषणा की
By अनुराग आनंद | Published: May 18, 2020 02:43 PM2020-05-18T14:43:24+5:302020-05-18T14:48:04+5:30
फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने सोमवार को कहा है कि कंपनी अपने यहां काम करने वाले अलग-अलग विभाग के करीब 1100 कर्मचारियों की छंटनी करेगी।
नई दिल्ली: देश भर में कोरोना संक्रमण के मामले में तेजी से हो रहे वृद्धि के साथ ही केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाने का फैसला किया है। इसके साथ ही खबर है कि देश में ऑनलाइन फूड डिलवरी करने वाली दो बड़ी कंपनी ने बड़ी संख्या में कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला लिया है।
मिल रही जानकारी के मुताबिक, फूड डिलीवरी कंपनी स्विगी ने सोमवार को कहा है कि कंपनी अपने यहां काम करने वाले अलग-अलग विभाग के करीब 1100 कर्मचारियों की छंटनी करेगी। आपको बता दें कि इस कंपनी में काम करने वाले कुल कर्मचारियों में से 14 प्रतिशत स्टाफ को बाहर का रास्ता दिखाने का इस कंपनी ने फैसला लिया है। कंपनी का कहना है कि कोरोना महामारी की वजह से उनके बिजनेस को काफी ज्यादा नुकसान हुआ है, ऐसे में कर्च घटाने के लिए यह फैसला लेना जरूरी हो गया है।
एनडीटीवी के मुताबिक, कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 18 मई को ईमेल में लिखा था, “स्विगी के लिए आज सबसे दुखद दिनों में से एक है क्योंकि हमें एक दुर्भाग्यपूर्ण व्यायाम से गुजरना है।” उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी ने पहले ही COVID-19 के प्रकोप की शुरुआत के बाद से अस्थायी या स्थायी रूप से अपनी रसोई सुविधाओं को बंद करना शुरू कर दिया था।
उन्होंने कहा, “दुर्भाग्य से हमें अगले कुछ दिनों में शहरों और मुख्य कार्यालयों में ग्रेड और कार्यों में फैले 1,100 कर्मचारियों के साथ भाग लेना है।” रेस्तरां एग्रीगेटर ज़ोमेटो ने कहा कि स्विगी का यह कदम उसके कार्यबल का लगभग 13 प्रतिशत हिस्सा होगा।
सीईओ ने कहा कि कंपनी की एचआर टीम अगले कुछ दिनों में प्रभावित कर्मचारियों से संपर्क करेगी। स्वाइगी ने “प्रभावित कर्मचारियों के लिए सबसे अच्छा वित्तीय, भावनात्मक और कैरियर से संबंधित सहायता प्रदान करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है।”
स्विगी सभी प्रभावित कर्मचारियों को कम से कम तीन महीने का वेतन देगा। इसके अतिरिक्त, यह कंपनी के साथ रोजगार के प्रत्येक वर्ष के लिए एक महीने का वेतन भी देगा। यह नोटिस अवधि के ऊपर और ऊपर होगा।
बता दें कि इससे पहले जोमैटो कंपनी भी अपने यहां काम करने वाले सैकड़ों को लोगों को बाहर का रास्ता दिखाने का फैसला कर चुकी है। पिछले दिनों इस कंपनी के सीईओ दीपेंद्र गोयल ने बताया था कि पिछले कई महीनों से जोमैटो आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। कारोबार बिलकुल ठप्प पड़ने की वजह से कर्मचारियों को काम पर रखना एक चुनौती है। इसीलिए कंपनी अपने मौजूदा 13 फीसदी कर्मचारियों की छंटनी करेगा। दीपेंद्र ने आगे बताया था कि बचे हुए कर्मचारियों को भी रख पाना एक चुनौती है। कंपनी ने फिलहाल बचे कर्मचारियों की सैलरी में भी कटौती करने का फैसला किया है।