कोविड संकट: टोरेंट समूह ने 10,000 मरीजों की दैनिक ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करने के लिये उठाये कदम
By भाषा | Updated: May 12, 2021 20:55 IST2021-05-12T20:55:41+5:302021-05-12T20:55:41+5:30

कोविड संकट: टोरेंट समूह ने 10,000 मरीजों की दैनिक ऑक्सीजन जरूरतों को पूरा करने के लिये उठाये कदम
नयी दिल्ली, 12 मई देश में कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर के बीच विभिन्न कारोबार से जुड़े टोरेंट समूह ने चिकित्सा ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिये कई कदम उठाये हैं। समूह के अनुसार इन उपायों से करीब 10,000 मरीजों के लिये दैनिक ऑक्सीजन की जरूरतें पूरी होने की उम्मीद है।
समूह ने बुधवार को एक बयान में कहा कि इन उपायों में गुजरात, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, पंजाब, तमिलनाडु और तेलंगाना के विभिन्न सरकारी अस्पतालों को 50 प्रेसर स्विंग एडसॉर्प्शन (पीएसए) चिकित्सकीय ऑक्सीजन उत्पादन संयंत्र दान स्वरूप उपलब्ध कराया जाना शामिल है।
ये संयंत्र अभी निर्माणधीन हैं और इस माह के दूसरे पखवाड़े में चालू होने की उम्मीद है।
समूह ने तरल चिकित्सकीय ऑक्सीजन (एलएमओ) की ढुलाई में हो रही दिक्कत को देखते हुए दो क्रॉयोजेनिक टैंकर भी उपलब्ध कराये हैं। साथ ही 1,000 ऑक्सीजन सिलेंडर दान में दिये गये हैं।
बयान के अनुसार समूह ने 200 ऑक्सीजन कनसेन्ट्रेटर उपलब्ध कराने के साथ अहमदाबाद में ‘बोटलिंग’ सुविधा के साथ उत्पादन संयंत्र स्थापित किया है। इस संयंत्र के जरिये समीप के क्षेत्रों में मुफ्त में ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है।
समूह ने कहा कि इन उपायों से प्रतिदिन करीब 10,000 मरीजों के लिये ऑक्सीजन की आपूर्ति सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
इन उपायों के अलावा टोरेंट समूह ने वेंटिलेटर और एंटिजन किट भी लगातार उपलब्ध करा रहा है। साथ ही अपने परिचालन वाले क्षेत्रों के आसापास दवाएं और खाने का सामान भी जरूरतमंदों को मुहैया करा रहा है।
टोरेंट समूह के चेयरमैन समीर मेहता ने कहा, ‘‘कोविड-19 की दूसरी लहर से अस्पतालों पर पड़े बोझ को देखते हुए हमने कई पहल किये हैं जो तत्काल राहत आवश्यकताओं को पूरा करने के साथ सरकारी अस्पतालों में लंबे समय तक काम आने वाली ढांचागत सुविधाओं की जरूरतों के बीच संतुलन बनाती है। इससे न केवल मौजूदा स्थिति से निपटने में मदद मिलेगी बल्कि भविष्य में इस प्रकार के स्वास्थ्य संकट से निपटने में सरकार के प्रयासों को समर्थन मिलेगा। टोरेंट समूह राष्ट्रीय आपदा के समय हर संभव मदद के लिये प्रतिबद्ध है।
Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।