नयी दिल्ली, 30 जनवरी व्यापारियों के संगठन कनफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने अमेरिकी लॉबी समूह ‘अमेरिका-भारत व्यापार परिषद (यूएसआईबीसी)’ द्वारा देश के ई-कॉमर्स क्षेत्र में हस्तक्षेप पर कड़ी आपत्ति जताई है। समझा जाता है कि यूएसआईबीसी ने सरकार से ई-कॉमर्स क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) नियमों को कड़ा नहीं करने को कहा है।
कैट ने यूएसआईबीसी की अध्यक्ष निशा बिस्वाल को पत्र भेजा है, जिसमें कहा गया है कि अमेजन, वॉलमार्ट और अन्य के दबाव में सही तथ्यों को जाने बिना उसका इस मुद्दे पर हस्तक्षेप अनुचित है। यह भारत के 8.5 करोड़ व्यापारियों के हित के खिलाफ है।
कैट ने कहा, यूएसआईबीसी का अनावश्यक हस्तक्षेप दर्शाता है कि अमेजन और वॉलमार्ट इस लॉबी समूह का एक हिस्सा हैं। वे इस बात को समझ चुकी हैं कि भारत के ई-कॉमर्स और खुदरा व्यापार को नियंत्रित करने का उनका ‘खेल’ जल्द खत्म हो जाएगा।
कैट के महासचिव प्रवीण खंडेलवाल ने कहा, यही कारण है कि वे उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) द्वारा एक नया प्रेस नोट और ई-कॉमर्स नीति लाने की पहल को अवरुद्ध करने का भरपूर प्रयास कर रहे हैं।
कैट की यह प्रतिक्रिया इन खबरों के बाद आई है कि यूएसआईबीसी ने भारत सरकार को ई-कॉमर्स निवेश नियमों में बदलाव नहीं करने को कहा है।
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