भारत के लिये 2020 में 5% वृद्धि दर हासिल करना होगा मुश्किल: अर्थशास्त्री स्टीव हंके

By भाषा | Updated: January 1, 2020 15:58 IST2020-01-01T15:58:10+5:302020-01-01T15:58:10+5:30

हंके फिलहाल जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (यूएसए) में एप्लायड इकोनॉमिक्स पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में ऋण की काफी तेज वृद्धि देखने को मिली, लेकिन आज स्थिति यह है कि गैर- निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ रही हैं। विशेषरूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का डूबा कर्ज बढ़ रहा है।

It will be difficult for India to achieve five percent growth rate in 2020: economist Steve Hanke | भारत के लिये 2020 में 5% वृद्धि दर हासिल करना होगा मुश्किल: अर्थशास्त्री स्टीव हंके

हंके फिलहाल जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (यूएसए) में एप्लायड इकोनॉमिक्स पढ़ाते हैं।

Highlights भारत को 2020 में जीडीपी में 5% वृद्धि दर हासिल करने के लिए ‘काफी मेहनत’ करनी पड़ सकती है।पिछली कुछ तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर में काफी गिरावट आई है।

भारत को 2020 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में पांच प्रतिशत वृद्धि दर हासिल करने के लिए ‘काफी मेहनत’ करनी पड़ सकती है। प्रसिद्ध अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव हंके ने यह राय व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि पिछली कुछ तिमाहियों में आर्थिक वृद्धि दर में काफी गिरावट आई है। इसकी प्रमुख वजह ऋण में कमी आना है जो चक्रीय समस्या है।

हंके फिलहाल जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी (यूएसए) में एप्लायड इकोनॉमिक्स पढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारत में ऋण की काफी तेज वृद्धि देखने को मिली, लेकिन आज स्थिति यह है कि गैर- निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़ रही हैं। विशेषरूप से सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का डूबा कर्ज बढ़ रहा है।

हंके ने कहा, ‘‘भारत में सुस्ती की वजह ऋण संकुचन है, जो एक चक्रीय समस्या है। यह संरचनात्मक समस्या नहीं है। ऐसे में भारत को 2020 में पांच प्रतिशत की वृद्धि दर हासिल करने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ सकती है।’’ हंके ने इसके साथ कहा कि भारत पहले से काफी अधिक संरक्षणवाद से घिरा हुआ है। भारत को अभी तक दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था गिना जा रहा था।

चालू वित्त वर्ष की सितंबर तिमाही में देश की आर्थिक वृद्धि दर घटकर 4.5 प्रतिशत रह गई है जो इसका छह साल का निचला स्तर है। हंके पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन की आर्थिक सलाहकार परिषद में भी रह चुके हैं। उन्होंने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार बड़े आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने में विफल रही है। हंके ने कहा कि मोदी सरकार की कड़े और जरूरी आर्थिक सुधारों में जरा भी रचि नहीं है।

इसके बजाय मोदी सरकार दो चीजों ..धर्म और जाति... जैसी अस्थिरता और संभावित रूप से विस्फोटक मुद्दों पर ध्यान दे रही है। अमेरिकी अर्थशास्त्री ने कहा, ‘‘यह एक खतरनाक ‘कॉकटेल’ है। काफी लोगों का मानना है कि मोदी के शासनकाल में भारत पहले ही दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र से बदलकर सबसे बड़े ‘पुलिस स्टेट’ में तब्दील हो रहा है। इस बारे में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की प्रतिक्रिया जानने के लिये भेजे ई-मेल का कोई जवाब नहीं मिला। 

Web Title: It will be difficult for India to achieve five percent growth rate in 2020: economist Steve Hanke

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