लाइव न्यूज़ :

आईपीओ बाजार में तेजी जारी, अगस्त में अब तक 23 कंपनियों ने दस्तावेज जमा कराये

By भाषा | Updated: August 20, 2021 23:18 IST

Open in App

शेयर बाजारों में आसमान छूते सेंसेक्स के बीच कंपनियों के बीच प्रारम्भिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) लाने की होड़ सी लग गई है। अगस्त माह के 20 दिन में ही 23 कंपनियों ने आईपीओ की अनुमति के लिये सेबी के पास दस्तावेज जमा कराकर एक नया रिकॉर्ड कायम किया है। ये आईपीओ दस्तावेज बाजार से 40,000 करोड़ रुपये की पूंजी जुटाने के लिये जमा कराये गये हैं। वहीं आठ कंपनियां पहले से ही बाजार में उतरीं हुई हैं और 18,200 करोड़ रुपये बाजार से जुटायेंगी। इनमें से कई कंपनियां स्टार्ट-अप क्षेत्र से हैं। इनमें वित्तीय प्रौद्योगिकी, ई-कॉमर्स, ऑनलाइन ट्रैवल और सास (सॉफ्टवेयर-एज-अ-सर्विस) वर्ग शामिल हैं। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक इस साल अब तक 40 से अधिक आईपीओ के जरिये 70,000 करोड़ रुपये जुटाए जा चुके हैं। कई आईपीओ के लिए 100 गुना से अधिक आवेदन प्राप्त हुये। इसमें निवेशकों की रुचि और खासतौर से खुदरा निवेशकों की रुचि स्पष्ट नजर आती है। कई ब्रोकरेज कंपनियों का कहना है कि इस साल आईपीओ की संख्या 100 के पार जा सकती है। आईपीओ का बाजार में गतिविधियां इस कदर बढ़ गई हैं कि देश के केन्द्रीय बैंक का ध्यान भी इस तरफ आकर्षित हुआ है। रिजर्व बैंक ने अपने नये बुलेटिन में कहा है कि "वर्ष 2021 देश के लिए आईपीओ का वर्ष बन सकता है।" इस महीने में आईपीओ के लिए सेबी के पास दस्तावेज दाखिल करने वाली कंपनियों में बीमा वितरक पॉलिसीबाजार की प्रवर्तक पीबी फिनटेक शामिल है जो 6,000 करोड़ रुपये के निर्गम के लिए सेबी की मंजूरी मांग रही है। पुणे की एमक्योर फार्मा भी शामिल है जो 5,000 करोड़ रुपये जुटाने के लिये पूंजी बाजार में उतरना चाह रही है। इसके अलावा, अडाणी समूह की एफएमसीजी शाखा अडाणी विल्मर ने 4,500 करोड़ रुपये और मुंबई की ऑनलाइन फैशन और परिधान ब्रांड नायका की नियंत्रक कंपनी एफएसएन ई-कॉमर्स ने 4,000 करोड़ रुपये का आईपीओ लाने के लिए पूंजी बाजार नियामक से मंजूरी मांगी है।इस सूची में गुरुग्राम की ली ट्रैवेन्यूज टेक्नोलॉजी भी शामिल है, जो ऑनलाइन ट्रैवल बुकिंग फर्म इक्जिगो की प्रवर्तक है। कंपनी आईपीओ से 1,800 करोड़ रुपये जुटाना चाहती है।सूची में रेटगेन ट्रैवल टेक्नोलॉजीज का भी नाम है जो 1,500 करोड़ रुपये का आईपीओ लाना चाहती है। नौएडा की रेटगेन आतिथ्य और ट्रैवल क्षेत्र की देश की सबसे बड़ी साफ्टवेयर-एज-ए- सर्विस (सास) कंपनी है। इसके अलावा कोलकाता की तारसंस प्राडक्ट्स 1,500 करोड़, कोच्चि की पापुलर वहीकल्स एण्ड सविर्सिज 700 करोड़ रुपये, वीएलसीसी, सैप्पहायर फूड्स जैसी कई कंपनियां हैं जो आईपीआई लाना चाहती हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Open in App

संबंधित खबरें

कारोबारSEBI ने नुवामा के म्यूचुअल फंड में एंट्री को दी मंजूरी, स्पॉन्सर की भूमिका के रूप में मिला अप्रूवल

कारोबारHindenburg Row: गौतम अडानी ने सेबी की क्लीन चिट के बाद कहा- झूठी खबरें फैलाने वालों को देश से माफ़ी मांगनी चाहिए

कारोबारHindenburg case: सेबी ने हिंडनबर्ग मामले में अडानी समूह को दी क्लीन चिट

कारोबारSEBI के पास आने वाली शिकायतों की संख्या बढ़ी; 2024-25 में मिले 703 आवेदन, 284 का हुआ निपटारा

कारोबारELITE INVESTMENT SOLUTIONS पर विदेशी मुद्रा कानून उल्लंघन में जांच

कारोबार अधिक खबरें

कारोबारIndiGo Crisis: 7 दिसंबर रात 8 बजे तक सभी यात्रियों को तत्काल पैसा वापस करो?, मोदी सरकार ने दिया आदेश, छूटे हुए सभी सामान अगले 48 घंटों के भीतर पहुंचाओ

कारोबारIndiGo Crisis: 1000 से अधिक विमान कैंसिल?, रेलवे ने यात्रियों को दी बड़ी राहत, कई स्पेशल ट्रेनों को दिखाई हरी झंडी, जानिए टाइम टेबल

कारोबारईपीसी क्षेत्रः 2030 तक 2.5 करोड़ से अधिक नौकरी?, 2020 के बाद से भर्ती मांग में 51 प्रतिशत की वृद्धि

कारोबारIndiGo Crisis: हवाई किराए मनमानी पर सख्ती, केंद्र सरकार का एक्शन, सभी रूट पर कैप?

कारोबारसवाल है कि साइबर हमला किया किसने था ?