वैश्विक स्तर पर नौकरी छोड़ने के बजाय अब कर्मी जॉब चेंज की कर रहे बात- PWC रिपोर्ट
By आकाश चौरसिया | Published: June 25, 2024 05:37 PM2024-06-25T17:37:19+5:302024-06-25T17:49:33+5:30
कंसल्टेंसी के '2024 होप्स एंड फियर्स' सर्वेक्षण के अनुसार, 28 फीसदी श्रमिकों ने कहा कि उनके नियोक्ता बदलने की "अत्यधिक या बहुत संभावना" है। ऐसा कुछ हाल साल 2023 में 26 फीसदी और 2022 में 19 प्रतिशत था।
नई दिल्ली: अब ज्यादा से ज्यादा कर्मचारी वैश्विक स्तर पर अगले 12 महीनों में अपनी जॉब को स्वीच यानी की बदलने की सोच रहे हैं, यह एकदम साल 2022 के पीरियड से उलट होगा, जब बड़ी मात्रा में कर्मियों ने अपनी कंपनी से इस्तीफे दिए थे। यह सर्वे ग्लोबल कंपनी पीडबल्यूसी के जरिए सामने आई है।
कंसल्टेंसी के '2024 होप्स एंड फियर्स' सर्वेक्षण के अनुसार, 28 फीसदी श्रमिकों ने कहा कि उनके नियोक्ता बदलने की "अत्यधिक या बहुत संभावना" है। ऐसा कुछ हाल साल 2023 में 26 फीसदी और 2022 में 19 प्रतिशत था। हालांकि, रिपोर्ट में निष्कर्ष निकाला गया है कि 50 देशों में 56,000 से अधिक श्रमिकों के सर्वेक्षण पर आधारित था।
रिपोर्ट में कहा गया है, "हमारे सर्वेक्षण से पता चलता है कि नौकरी से संतुष्टि पिछले साल की तुलना में थोड़ी बढ़ी है, 60 प्रतिशत कर्मचारियों का कहना है कि वे बहुत या मध्यम रूप से संतुष्ट हैं, जबकि पिछले साल 56 प्रतिशत ने ऐसा कहा था।"
दूसरी तरफ रिपोर्ट में ये बताया गया है कि नौकरी से संतुष्टि का मतलब यह नहीं है कि कर्मचारी अपने नियोक्ता के साथ बने रहेंगे, और ऐसा प्रतीत होता है कि अधिकांश कर्मचारी अन्य अवसरों पर नजर गड़ाए हुए हैं। अधिक कर्मचारियों का कहना है कि 2022 का 'महान इस्तीफा' के दौरान भी अगले 12 महीनों में उनके नियोक्ता बदलने की संभावना है।
बेहतर अवसरों के कारण "महान इस्तीफा" साल 2022 नौकरी के उच्च कारोबार का दौर था। यूएस ब्यूरो ऑफ लेबर स्टैटिस्टिक्स (बीएलएस) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में 47 मिलियन और 2022 में 50 मिलियन से अधिक लोगों ने नौकरी छोड़ दी। कहा गया कि यह पलायन 2023 में धीमा हो गया।
पीडब्ल्यूसी सर्वेक्षण में कहा गया है कि 45 प्रतिशत कर्मचारियों को लगता है कि पिछले 12 महीनों में उनके काम का बोझ काफी बढ़ गया है। लगभग 53 प्रतिशत ने कहा कि एक साथ बहुत अधिक परिवर्तन हो रहा है। सर्वेक्षण में शामिल कम से कम 62 फीसदी लोगों ने कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों की तुलना में पिछले वर्ष में अधिक बदलाव का अनुभव किया है।