कोरोना संकट के बीच भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पहली बार 500 अरब डॉलर के पार, 8.22 अरब डॉलर की बढ़त
By भाषा | Published: June 13, 2020 05:13 AM2020-06-13T05:13:15+5:302020-06-13T05:13:15+5:30
आनंद महिंद्रा ने कहा 30 साल पहले देश के पास विदेशी मुद्रा भंडार शून्य हो गया था। अब 30 साल बाद हमारे पास तीसरा सबसे बड़ा वैश्विक विदेशी मुद्रा भंडार है।
मुंबई: भारत का विदेशी मुद्रा भंडार पांच जून को समाप्त सप्ताह में 8.22 अरब डॉलर बढ़कर पहली बार 500 अरब डॉलर के स्तर के पार हो गया। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, इस दौरान विदेशी मुद्रा भंडार बढ़कर 501.70 अरब डॉलर हो गया। इस तेजी का कारण विदेशी मुद्रा आस्तियों में भारी वृद्धि है। विदेशी मुद्रा भंडार की यह धनराशि एक वर्ष के आयात के खर्च के बराबर है।
इससे पिछले 29 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 3.44 अरब डॉलर बढ़कर 463.48 अरब डॉलर हो गया था। पांच जून को समाप्त सप्ताह में देश की विदेशी मुद्रा आस्तियां 8.42 अरब डॉलर बढ़कर 463.63 अरब डॉलर हो गयीं।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा मुद्रा भंडार भारत के पास-
भारत पहले ही विदेशी मुद्रा भंडार के मामले में रूस और दक्षिण कोरिया से आगे निकल गया है। अब भारत चीन और जापान के बाद तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। उन्होंने एक आर्टिकल का लिंक ट्विटर पर शेयर किया था, जिसके मुताबिक पिछले सप्ताह में रहा 493 अरब डॉलर का भंडार अगले 17 महीने तक की आयात जरूरतों के लिए पर्याप्त है।
सोने के भंडार में गिरावट-
5 जून को समाप्त सप्ताह में सोने का भंडार 32.9 करोड़ डॉलर घटकर 32.352 अरब डॉलर रह गया। संबंधित सप्ताह में भारत का अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से विशेष निकासी अधिकार 1 करोड़ अमेरिकी डॉलर बढ़कर 1.44 अरब डॉलर हो गया। वहीं, आईएमएफ में भारत का रिजर्व पॉजिशन भी 12 करोड़ डॉलर बढ़कर 4.28 अरब डॉलर हो गया।