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देश का निर्यात अक्टूबर में 5.4 प्रतिशत गिरा, व्यापार घाटा 8.78 अरब डॉलर

By भाषा | Updated: November 3, 2020 19:20 IST

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नयी दिल्ली, तीन नवंबर देश का निर्यात अक्टूबर में 5.4 प्रतिशत गिरकर 24.82 अरब डॉलर पर आ गया। मंगलवार को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक इसकी वजह पेट्रोलियम उत्पादों, रत्न एवं आभूषणों, इंजीनियरिंग सामान और चमड़े की निर्यात आय में कमी आना है।

अक्टूबर में देश शुद्ध तौर पर आयातक रहा। देश का व्यापार घाटा 8.78 अरब डॉलर रहा। जबकि पिछले साल इसी माह में यह 11.76 अरब डॉलर था। इस दौरान देश का आयात भी 11.56 प्रतिशत गिरकर 33.6 अरब डॉलर रहा।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘ देश से वस्तुओं का निर्यात अक्टूबर 2020 में 24.82 अरब डॉलर रहा। यह पिछले साल अक्टूबर के 26.23 अरब डॉलर के निर्यात से 5.4 प्रतिशत कम है।’’

समीक्षावधि में विभिन्न वस्तुओं के निर्यात में गिरावट रही। पेट्रोलियम निर्यात में यह 53.30 प्रतिशत, काजू में 21.57 प्रतिशत, रत्न और आभूषण में 21.27 प्रतिशत, चमड़ा में 16.69 प्रतिशत, मानव निर्मित धागे/कपड़े में 12.82 प्रतिशत, इलेक्ट्रॉनिक सामान में 9.40 प्रतिशत, कॉफी में 9.25 प्रतिशत, समुद्री उत्पादों में 8.09 प्रतिशत और इंजीनियरिंग सामान के निर्यात में 3.84 प्रतिशत की गिरावट रही।

कुछ वस्तुओं में निर्यात की स्थिति सुधरी भी है। इनमें चावल, ऑयल मील, लौह अयस्क, तिलहन, कालीन, दवा, मसाले, कपास और रसायन शामिल हैं।

चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-अक्टूबर अवधि में देश का निर्यात सालाना आधार पर 19.05 प्रतिशत घटकर 150.07 अरब डॉलर जबकि आयात 36.28 प्रतिशत गिरकर 182.29 अरब डॉलर रहा।

अक्टूबर में तेल आयात 38.52 प्रतिशत गिरकर 5.98 अरब डॉलर रहा। अप्रैल-अक्टूबर अवधि में यह 49.5 प्रतिशत गिरकर 37.84 अरब डॉलर रहा।

लगातार छह महीने की गिरावट के बाद देश का निर्यात सितंबर में 5.99 प्रतिशत बढ़कर 27.58 अरब डॉलर था।

भारतीय निर्यातकों के संघ फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन (फियो) के अध्यक्ष शरद कुमार सर्राफ ने कहा कि अक्टूबर में निर्यात में मामूली गिरावट की वजह कंटेनरों की कम उपलब्धता और समुद्री मालभाड़े का बढ़ना है। इसके चलते निर्यात क्षेत्र चिंतित है।

उन्होंने कहा कि इसके अलावा देश के कुछ राज्यों में किसानों के विरोध प्रदर्शन ने भी निर्यात को प्रभावित किया है।

सर्राफ ने कहा कि अमेरिका में चुनाव चल रहे हैं, उसके बाद क्रिसमस और नए साल का त्यौहारी मौसमी शुरू होगा। इसके बाद वैश्विक और भारतीय अर्थव्यवस्था में फिर से सुधार होने की उम्मीद है।

भारतीय व्यापार संवर्द्धन परिषद (टीपीसीआई) के संस्थापक चेयरमैन मोहित सिंगला ने कहा कि कृषि और खाद्य वस्तुओं के निर्यात में वृद्धि दर्ज की गयी है। यह दिखता है कि वैश्विक स्तर पर भारतीय खाद्य और कृषि उत्पादों की मांग बनी हुई है।

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