Indian Economy 2025: 6.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान?, संयुक्त राष्ट्र रिपोर्ट में खुलासा, एशिया में भारत की हालत बेहतर
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 10, 2025 13:35 IST2025-01-10T13:34:00+5:302025-01-10T13:35:29+5:30
Indian Economy 2025: दक्षिण एशिया के लिए निकट अवधि का परिदृश्य मजबूत रहने की उम्मीद है, जिसमें 2025 में 5.7 प्रतिशत और 2026 में 6.0 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।

सांकेतिक फोटो
Indian Economy 2025: भारतीय अर्थव्यवस्था में 2025 में 6.6 प्रतिशत की वृद्धि होने का अनुमान है, जिसे मुख्य रूप से मजबूत निजी खपत तथा निवेश का समर्थन मिलेगा। साथ ही, दक्षिण एशिया में आर्थिक वृद्धि इस साल मजबूत रहने की उम्मीद है, जो मुख्य रूप से भारत के ‘‘मजबूत प्रदर्शन’’ से प्रेरित रहेगी। ‘संयुक्त राष्ट्र विश्व आर्थिक स्थिति व संभावना 2025’ रिपोर्ट में यह बात कही गई जिसे बुधवार को यहां जारी किया गया। इसमें कहा गया है कि दक्षिण एशिया के लिए निकट अवधि का परिदृश्य मजबूत रहने की उम्मीद है, जिसमें 2025 में 5.7 प्रतिशत और 2026 में 6.0 प्रतिशत की वृद्धि का अनुमान है।
यह भारत में मजबूत प्रदर्शन के साथ-साथ भूटान, नेपाल तथा श्रीलंका सहित कुछ अन्य अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक सुधार से प्रेरित है। भारतीय अर्थव्यवस्था के 2024 में 6.8 प्रतिशत की दर से और 2025 में 6.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है। भारतीय अर्थव्यवस्था के 2026 में फिर 6.8 प्रतिशत की वृद्धि पर लौटने का अनुमान है।
रिपोर्ट में कहा गया, ‘‘ दक्षिण एशिया क्षेत्र में सबसे बड़ी भारतीय अर्थव्यवस्था के 2025 में 6.6 प्रतिशत तक बढ़ने का अनुमान है, जिसे मुख्य रूप से मजबूत निजी खपत तथा निवेश से समर्थन मिलेगा। इसके अलावा, बुनियादी ढांचे के विकास पर पूंजीगत व्यय से आने वाले वर्षों में वृद्धि पर मजबूत गुणक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है।’’
इसके साथ ही 2024 में अनुकूल मानसून की बारिश से सभी प्रमुख फसलों की ग्रीष्मकालीन बुवाई में सुधार होगा जिससे 2025 में कृषि उत्पादन बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट में कहा गया है कि पूर्वी एशिया तथा दक्षिण एशिया में निवेश वृद्धि विशेष रूप से मजबूत रही है। यह आंशिक रूप से नई आपूर्ति श्रृंखलाओं में घरेलू तथा विदेशी निवेश से प्रेरित है, खासकर भारत, इंडोनेशिया और वियतनाम में...।
भारत में सार्वजनिक क्षेत्र बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं, भौतिक तथा डिजिटल संपर्क और स्वच्छता व जल आपूर्ति में सुधार सहित सामाजिक बुनियादी ढांचे के वित्तपोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। 2025 में मजबूत निवेश वृद्धि जारी रहने की उम्मीद है। भारत में उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति 2024 में अनुमानित 4.8 प्रतिशत से घटकर 2025 में 4.3 प्रतिशत हो जाने का अनुमान है, जो केंद्रीय बैंक द्वारा निर्धारित दो से छह प्रतिशत के मध्यम अवधि लक्ष्य सीमा के भीतर रहेगी।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के आंकड़ों का हवाला देते हुए रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में रोजगार संकेतक 2024 तक मजबूत बने रहे जिससे श्रम बल भागीदारी रिकॉर्ड स्तर के करीब रही। इस अवधि में शहरी बेरोजगारी 6.6 प्रतिशत रही - जो 2023 में दर्ज 6.7 प्रतिशत की दर से लगभग अपरिवर्तित है।
साथ ही देश में महिला कार्यबल की भागीदारी में प्रगति हुई है, फिर भी लैंगिक असमानता बनी हुई है। इसमें कहा गया है कि जलवायु संबंधी झटकों ने 2024 में दक्षिण एशिया को बुरी तरह प्रभावित किया है। वर्ष की पहली छमाही में बांग्लादेश, भारत, पाकिस्तान और श्रीलंका सहित क्षेत्र के कई देशों में लू, सूखा और अनियमित वर्षा की स्थिति रही।
जिसके कारण फसल की पैदावार कम हुई और खाद्य पदार्थों की कीमतें बढ़ीं। इसके अलावा मौसम संबंधी घटनाओं ने गरीब ग्रामीण परिवारों को असमान रूप से प्रभावित किया है, जिससे आय में कमी आई है और आय असमानता बढ़ी है।