मोदी सरकार का दावा- भारतीय विमानन क्षेत्र में अगले कुछ सालों के दौरान होंगे दो हजार विमान
By भाषा | Published: August 27, 2019 11:18 PM2019-08-27T23:18:20+5:302019-08-27T23:18:20+5:30
हरदीप पुरी ने कहा, ‘‘जब जेट एयरवेज ने उड़ान कार्य बंद किया तब हमारे पास 540 विमान थे और आज हमारे पास 690 विमान आसमान में उड़ रहे हैं।’’
नागरिक विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने मंगलवार को कहा कि अगले कुछ सालों में देश में यात्री विमानों की संख्या बढ़कर 2,000 तक पहुंच जायेगी। जेट एयरवेज के उड़ान कार्य बंद करते समय यह संख्या 540 थी। वित्तीय संकट में फंसी जेट एयरवेज ने 17 अप्रैल को कामकाज बंद कर दिया था। इसके बाद जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों ने विमानन कंपनी के खिलाफ एनसीएलटी में मामला दायर कर दिया।
सीआईआई- सीबीआरई के रीयल एस्टेट सम्मेलन में कहा पूरी दुनिया में ऐसी बहुत कम कंपनियां हैं जो कि विमानन क्षेत्र में लाभ कमा रही हैं। ऐसा संभवत: विमानन क्षेत्र की कंपनियों द्वारा गलत व्यावसायिक तौर तरीके अपनाने की वजह से हुआ या फिर कंपनी संचालन में गड़बड़ी के कारण क्षेत्र को नुकसान हुआ या फिर दोनों वजह हो सकतीं हैं।
हरदीप पुरी ने कहा, ‘‘जब जेट एयरवेज ने उड़ान कार्य बंद किया तब हमारे पास 540 विमान थे और आज हमारे पास 690 विमान आसमान में उड़ रहे हैं और यदि हम भारतीय विमानन कंपनियों की ऑर्डर बुक को देखें तो आने वाले कुछ समय में या फिर एक -दो साल में ही विमानों की यह संख्या 2,000 के करीब पहुंच सकती है।’’
पुरी ने कहा कि दुनिया के ज्यादातर देशों में हवाईअड्डे ‘पर्यावरण के अनुकूल’ होने जा रहे हैं। अर्थव्यवस्था में तरलता के मुद्दे पर हरदीप पुरी ने कहा कि जब किसी प्रमुख क्षेत्र में कुछ गलत हो जाता है तो उद्योग सरकार से राहत पैकेज की उम्मीद करता है।
उन्होंने कहा कि सरकार एक सीमा तक ही मदद कर सकती है। ‘‘लेकिन कंपनी क्षेत्र में जो कुछ भी चूक अथवा गड़बड़ियां होती हैं और जिसकी वजह से कारोबार में असफलता हाथ लगती है उसके लिये सरकार को तो जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता।’’
पुरी ने एयरलाइन क्षेत्र का उदाहरण देते हुये कहा कि विमान विनिर्माता कंपनियां, हवाईअड्डे का संचालन करने वाले लोग और विमान की टिकट बेचने वाली कंपनियां सभी काफी पैसा कमा रही है, लेकिन यह देखकर आश्चर्य होता है कि कुछ एयरलाइन कंपनियों क्यों नहीं मुनाफा कमा पा रही हैं। उन्होंने कहा कि कंपनी संचालन के मामले में यह सुनिश्चित किया जाना चाहिये कि सही फैसले लिये जायें।