कोविड टीकाकरण मामले में भारत पीछे, ऊंचे कर्ज- जीडीपी अनुपात से परिदृश्य नकारात्मक: फिच

By भाषा | Updated: September 7, 2021 19:49 IST2021-09-07T19:49:09+5:302021-09-07T19:49:09+5:30

India lags behind in Covid vaccination, high debt-to-GDP ratio, outlook negative: Fitch | कोविड टीकाकरण मामले में भारत पीछे, ऊंचे कर्ज- जीडीपी अनुपात से परिदृश्य नकारात्मक: फिच

कोविड टीकाकरण मामले में भारत पीछे, ऊंचे कर्ज- जीडीपी अनुपात से परिदृश्य नकारात्मक: फिच

नयी दिल्ली, सात सितंबर साख निर्धारण एजेंसी फिच रेटिंग्स ने मंगलवार को कहा कि भारत पूर्ण कोविड टीकाकरण के मामले में काफी पीछे बना हुआ है। उसने यह भी कहा कि सरकारी साख का नकारात्मक परिदृश्य बढ़ते कर्ज- जीडीपी अनुपात को परिलक्षित करता है।

फिच ने इस साल अप्रैल में भारत की साख को नकारात्मक परिदृश्य के साथ ‘बीबीबी-’ बरकरार रखा। परिदृश्य पिछले साल जून में स्थिर से बदलकर नकारात्मक किया गया था। फिच के अनुसार इसका कारण महामारी की वजह से देश के वृद्धि परिदृश्य पर पड़े प्रतिकूल प्रभाव और उच्च सार्वजनिक कर्ज बोझ से जुड़ी चुनौतियों का सामने आना है।

ग्लोबल सोवरेन कांफ्रेन्स 2021, एशिया-प्रशांत को संबोधित करते हुए फिच रेटिंग्स के वरिष्ठ निदेशक और एशिया-प्रशांत सावरेन रेटिंग्स के प्रमुख, स्टीफन श्वार्ट्ज ने कहा कि दुनिया भर में आर्थिक सुधार के लिये टीकाकरण काफी महत्वपूर्ण है।

श्वार्ट्ज ने कहा कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र शुरू में वायरस को नियंत्रित करने में काफी सफल था। लेकिन टीकाकरण का मामला सामने आने के बाद क्षेत्र के कुछ देश थोड़े पीछे रह गये। सिंगापुर जहां वास्तव में अब अपनी 80 प्रतिशत आबादी का टीकाकरण कर चुका है, वहीं वियतनाम, थाईलैंड और भारत जैसे क्षेत्र के कई देश अभी भी पीछे हैं। इसके कारण इन देशों को समय-समय पर प्रतिबंध लगाने पड़ रहे हैं।’’

उल्लेखनीय है कि भारत में अब तक टीके की 70 करोड़ खुराकें दी जा चुकी हैं। पिछले 11 दिनों में से तीन दिनों में एक करोड़ से अधिक टीके दिये गये।

श्वार्ट्ज ने यह भी कहा कि भारत के लिये नकारात्मक परिदृश्य का कारण कर्ज-जीडीपी अनुपात में वृद्धि तथा वृद्धि को लेकर अनिश्चितता है।

भारत का कर्ज-जीडीपी अनुपात 2019 में 72 प्रतिशत था। एजेंसी का मानना है कि अगले पांच साल में जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) के अनुपात के रूप में 90 प्रतिशत हो जाने की आशंका है।

फिच ने कहा कि सरकारी ऋण-जीडीपी अनुपात को नीचे रखने के साथ राजकोषीय घाटे को उसी के अनुरूप कम नहीं रखा जाता है तो सरकारी साख के लिये यह प्रतिकूल हो सकता है।

एक अप्रैल से शुरू चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान है। सरकार का 2025-26 तक इसे कम कर जीडीपी के 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य है।

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Web Title: India lags behind in Covid vaccination, high debt-to-GDP ratio, outlook negative: Fitch

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