बैंकों के जरिए नहीं चार्टर्ड विमान से देश का पैसा भेजा जा रहा था विदेश, ऐसे की जाती थी प्लानिंग
By पल्लवी कुमारी | Published: September 2, 2018 08:03 AM2018-09-02T08:03:29+5:302018-09-02T12:47:08+5:30
जांच एजेंसियों को इस बात का संदेह है कि इन प्राइवेट विमामों में कोई अंदर एक ऐसी सुराख बनाई जाती है, जहां पैसों को सुरक्षित रखा जाए।
नई दिल्ली, 2 सितंबर: नोटबंदी में चलन से हटाए गये 500 और 1,000 रुपये के लगभग सभी पुराने नोट बैंकिंग प्रणाली में लौट आये हैं। भारतीय रिजर्व बैंक की 2017- 18 की वार्षिक रिपोर्ट में यह जानकारी अभी कुछ दिनों पहले दी है। रिपोर्ट में हुए इस खुलासे के बाद विपक्ष ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर हमला करना शुरू कर दिया है। विपक्ष ने सरकार से सवाल किया कि कालाधन समाप्त करने में नोटबंदी कितनी प्रभावी रही। लेकिन इस बीच सीबीआई और ईडी के कालेधन को लेकर ऐसी बातों को पता चला है, जिसे जान आप भी चौंक जाएंगे।
सीबीआई और ईडी को इस बात का शक
अगर आपको ऐसा लगता है कि देश का कालाधन देश से बाहर बैंकों या फिर सूटकेस में डालकर बाहर ले जाया जाता है, तो आप पूरी तरह गलत हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और सीबीआई जैसी एजेंसियों को इस बात का शक है कि देश का कालाधन वीआईपी चार्टर्ड से विदेशों में कैश से भेजा जाता था। ईडी और सीबीआई को इस बात का अंदेशा है कि इन चार्टर्ड विमानों में नोट छुपाने के लिए कोई स्पेशल और खास जगह बनाई गई है।
सीबीआई ने यह भी कहा कि पत्रकार और बिजनेस मैन उपेंद्र राय की गिरफ्तारी के साथ जुड़ा हुआ है। एनडीटीवी के मुताबिक ईडी ने कहा है कि वह इस मामले की जांच कर रही है। वहीं जांच एजेंसियों को विदेशी एजेंसी ने बताया है कि हवाला का पैसा चार्टर्ड विमानों से भी जा रहा है।
जांच एजेंसियों को ने इस पर उठाए सवाल
सीबीआई और ईडी के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपी पत्रकार उपेंद्र राय की कंपनी की चार्टर्ड विमान लगातार दुबई और रूस क्यों जाती रहती है? एजेंसियों का दूसरा सवाल यह है कि ये सारी विमान दुबई के मुख्य हवाई अड्डे पर नहीं बल्कि छोटे हवाई अड्डों में उतरे हैं? तीसरा सवाल आखिर क्यों छोटे हवाई अड्डों से इतनी ज्यादा वीआईपी उड़ानें होती हैं?
विमान में बनाई जाती है कोई स्पेशल जगह
एनडीटीवी के मुताबिक जांच एजेंसियों को इस बात का संदेह है कि इन प्राइवेट विमामों में कोई अंदर एक ऐसी सुराख बनाई जाती है, जहां पैसों को सुरक्षित रखा जाए। इस तरह प्लेन के मालिकों या बैठे क्लाइंट को भी नहीं पता चल पाता था और वीआईपी प्लेन की ज्यादा जांच भी नहीं की जाती थी। बता दें कि हमेशा से ही प्राइवेट प्लेनों की जांच ज्यादा नहीं की जाती है।
विदेशों में रखा जाता है ज्यादातर प्राइवेट प्लेन
सीबीआई और ईडी की शुरुआती जांच के मुताबिक एयरवन नाम की कंपनी जिसका संबंध उपेंद्र राय से भी है, अपने ज्यादातर विमान लंबे वक्त के लिए दुबई में रखती थी। ये जांच से बचने के लिए दुबई के किसी छोटे-मोटे एयरपोर्ट पर इन प्लेनों को रखते थे। जांच एजेंसियों के मुताबिक ये जहाज रूस भी भेजा जाता था। ईडी से जुड़े एक अधिकारी ने एनडीटीवी को बताया कि ये कंपनियां कई अधिकारियों के लिए काम करते थे। हालांकि इस जांच अभी भी जारी है, इसके पुख्ता सबूत नहीं मिले हैं। लेकिन देश की जांच एजेंसियों को इस बात का पूरा शक है कि प्राइवेट प्लेनों से कैश भरकर विदेश ले जाया जाता था।