पिछले वर्ष 2.38 लाख इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री, सरकार ने सब्सिडी की दोगुनी, 2022 में पांच लाख का लक्ष्य
By शरद गुप्ता | Published: December 20, 2022 05:41 PM2022-12-20T17:41:45+5:302022-12-20T17:42:48+5:30
सरकार ने इनकी कीमत कम कर आंतरिक दहन (इंटरनल कॉम्बस्शन) इंजनों वाले वाहनों के बराबर करने के लिए दोपहिया वाहनों पर दी जा रही सब्सिडी की सीमा को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है.
नई दिल्लीः देश में पिछले वर्ष 2.38 लाख इलेक्ट्रिक वाहन की बिक्री हुई जबकि इस वर्ष 9 दिसंबर तक ही यह लगभग दोगुनी हो चुकी है. सरकार से विद्युत वाहनों की लागत को कम करने के लिए कई कदम उठाए हैं. इस वर्ष 9 दिसंबर तक देश में 4.43 लाख विद्युत वाहन बिके.
सरकार ने इनकी कीमत कम कर आंतरिक दहन (इंटरनल कॉम्बस्शन) इंजनों वाले वाहनों के बराबर करने के लिए दोपहिया वाहनों पर दी जा रही सब्सिडी की सीमा को 20 प्रतिशत से बढ़ाकर 40 प्रतिशत कर दिया गया है. वहीं सब्सिडी भी 10 हजार प्रति किलो वाट घंटे से बढ़ाकर 15 हजार प्रति किलो वाट घंटे कर दी गई है.
सरकार ने विद्युत वाहनों को बढ़ावा देने के लिए 2019 में 10 हजार करोड़ रुपए का प्रावधान अगले 5 वर्षों के लिए किया था. इस दौरान उसे दस लाख दोपहिया वाहन 5 लाख तिपहिया वाहन, 55000 कारें और 7090 बसें बनवानी थी. पिछले 3 वर्षों में 7.47 लाख विद्युत वाहन बनाकर बेचे जा चुके हैं. भारी उद्योग मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक 2019-20 में केवल 19100 वाहन बने थे जबकि 2020-21 में 48179 वाहन बने और बेचे गए.
घटाया जीएसटी
सरकार ने विद्युत वाहनों पर लगने वाले जीएसटी की दरें भी 12 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी और चार्जर या चार्जिंग स्टेशनों पर जीएस टी दरें 18 प्रतिशत से घटाकर 5% कर दी.
ऐसे होंगे और दाम कम
सरकार ने इन वाहनों में लगने वाले एडवांस केमिस्ट्री सेल (एसीसी) को देश में ही बनाने के लिए 12 मई 2021 को एक प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव पीएलआई योजना चलाई है. इससे इनमें लगने वाली बैटरी के दाम कम हो जाएंगे और विद्युत वाहनों के दाम में भी कमी आएगी.
साल बिक्री
2019-20 19100
2020-21 48179
2021-22 237811
2022-23 442901(9/12/2022 तक)।