मूंगफली में सुधार, पाम एवं पामोलीन तथा सोयाबीन में गिरावट, सरसों तेल तिलहन पूर्ववत

By भाषा | Published: November 23, 2020 08:59 PM2020-11-23T20:59:39+5:302020-11-23T20:59:39+5:30

Improvement in groundnut, decline in palm and palmolein and soybean, mustard oil, oilseeds, undo | मूंगफली में सुधार, पाम एवं पामोलीन तथा सोयाबीन में गिरावट, सरसों तेल तिलहन पूर्ववत

मूंगफली में सुधार, पाम एवं पामोलीन तथा सोयाबीन में गिरावट, सरसों तेल तिलहन पूर्ववत

नयी दिल्ली, 23 नवंबर मांग बढ़ने के बीच मंडियों में कम आवक से दिल्ली तेल तिलहन बाजार में सोमवार को मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया वहीं बिनौला से महंगा बैठने के कारण सोयाबीन तथा विदेशों में तेज होने के बावजूद जाड़े में मांग घटने से पाम एवं पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई।

बाजार के जानकार सूत्रों ने बताया कि गुजरात में मूंगफली तेल की मांग है लेकिन किसान सस्ते में बेचने को तैयार नहीं है और इसी कारण मंडियों में मूंगफली की आवक कम है जिसकी वजह से मूंगफली तेल तिलहन कीमतों में सुधार आया।

उन्होंने कहा कि सामान्य कारोबार के बीच सरसों तेल तिलहन के भाव पूर्वस्तर पर बने रहे। उन्होंने कहा कि सहकारी संस्थायें हाफेड और नाफेड कम कीमत पर सरसों की बिक्री नहीं कर रहे जो आगामी जनवरी-फरवरी की मांग बढ़ने की संभावना को देखते हुए एक विवेकपूर्ण फैसला कहा जा सकता है।

सूत्रों ने कहा कि विश्व स्तर पर हल्के तेलों की मांग बढ़ी है। शिकागो एक्सचेंज में दो प्रतिशत और मलेशिया एक्सचेंज में 2.5 प्रतिशत की तेजी के बीच देश में ‘सॉफ्ट आयल’ (हल्के तेल) के रूप में बिनौला तेल के मुकाबले सोयाबीन डीगम महंगा बैठता है। इसलिए शिकागो एक्सचेंज में तेजी होने के बावजूद सोयाबीन की मांग प्रभावित होने से सोयाबीन दिल्ली और सोयाबीन डीगम के भाव में क्रमश: 50-50 रुपये क्विन्टल की गिरावट आई।

उन्होंने कहा कि विदेशों से सोयाबीन डीगम का आयात करने का भाव मौजूदा आयात शुल्क मूल्य के हिसाब से मुनाफा सहित 112.50 रुपये किलो बैठता है जबकि बाजार में इसका भाव 104 रुपये किलो है। यानी कि आयात शुल्क मूल्य के बाजार भाव के अनुरूप नहीं होने से सोयाबीन डीगम आयात मूल्य की तुलना में काफी नीचे बिक रहा है।

उन्होंने कहा कि सरकार को आयात शुल्क मूल्य निर्धारण की नीति को पारदर्शी बनाते हुए इसका निर्धारण बाजार भाव के अनुरूप करना होगा जिससे आयातकों की चिंताओं को दूर किया जा सकेगा।

सूत्रों ने कहा कि सॉफ्ट आयल का आयात करने की पूरी जद्दोजहद (जहाज में माल की लदान, यात्रा के समय, देश के बंदरगाह पर इसे खाली करने और मंडी तक पहुंचाने इत्यादि) की पूरी प्रक्रिया में 60-70 दिन लगते हैं। ऐसे में आयात शुल्क मूल्य का निर्धारण बाजार भाव के अनुरूप होने से आयातकों को अपने सौदों को लेकर एक प्रकार की निश्चितिंता होगी कि उन्हें अचानक घट बढ़ नहीं झेलना होगा और अप्रत्याशित ढंग से घाटा नहीं सहना होगा।

उन्होंने कहा कि मलेशिया एक्सचेंज में तेजी का रुख होने के बावजूद देश के विभिन्न हिस्सों में आंशिक लॉकडाउन से होटल और रेस्तरां की मांग प्रभावित होने तथा जाड़े में सामान्य तौर पर कमजोर रुख रहने के कारण सीपीओ और पामोलीन तेल कीमतों में गिरावट आई।

तेल-तिलहन बाजार में थोक भाव इस प्रकार रहे- (भाव- रुपये प्रति क्विंटल)

सरसों तिलहन - 6,270 - 6,320 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपये।

मूंगफली दाना - 5,440- 5,490 रुपये।

मूंगफली तेल मिल डिलिवरी (गुजरात)- 13,750 रुपये।

मूंगफली साल्वेंट रिफाइंड तेल 2,120 - 2,180 रुपये प्रति टिन।

सरसों तेल दादरी- 12,480 रुपये प्रति क्विंटल।

सरसों पक्की घानी- 1,880 - 2,030 रुपये प्रति टिन।

सरसों कच्ची घानी- 2,000 - 2,110 रुपये प्रति टिन।

तिल मिल डिलिवरी तेल- 11,000 - 15,000 रुपये।

सोयाबीन तेल मिल डिलिवरी दिल्ली- 11,550 रुपये।

सोयाबीन मिल डिलिवरी इंदौर- 11,300 रुपये।

सोयाबीन तेल डीगम- 10,400 रुपये।

सीपीओ एक्स-कांडला- 9,180 रुपये।

बिनौला मिल डिलिवरी (हरियाणा)- 10,100 रुपये।

पामोलीन आरबीडी दिल्ली- 10,600 रुपये।

पामोलीन कांडला- 9,800 रुपये (बिना जीएसटी के)।

सोयाबीन तिलहन मिल डिलिवरी भाव 4,500 - 4,550 लूज में 4,335 -- 4,365 रुपये।

मक्का खल (सरिस्का) - 3,500 रुपये।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Improvement in groundnut, decline in palm and palmolein and soybean, mustard oil, oilseeds, undo

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे