IIT Indore: क्या है तकनीक ‘फोटोडाइनेमिक इनेक्टिवेशन’?, फल-सब्जियों का रक्षा कवच कैसे, जानें उपाय
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 4, 2024 16:25 IST2024-12-04T16:24:41+5:302024-12-04T16:25:32+5:30
IIT Indore: आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर देबायन सरकार ने बताया,‘‘हमारी तकनीक की मदद से 10 गुणा 10 वर्ग फुट के कमरे में हर माह केवल 1,000 रुपये के खर्च में बिना शीत भंडारण के फल-सब्जियों को 30 से 40 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।’’

सांकेतिक फोटो
IIT Indore: इंदौर के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) ने किसानों की फल-सब्जियों को खराब होने से बचाने के लिए एलईडी लाइट आधारित खास भंडारण तकनीक विकसित की है। आईआईटी के एक अधिकारी ने बुधवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि तीन साल के अनुसंधान के बाद विकसित यह तकनीक ‘‘फोटोडाइनेमिक इनेक्टिवेशन’’ (पीडीआई) विधि का उपयोग करते हुए फल-सब्जियों को पूरी तरह रोगाणुमुक्त करती है और उन पर सूक्ष्मजीवों को पनपने से रोकती है। उन्होंने कहा कि यह तकनीक खासकर छोटे खेतों वाले उन किसानों के लिए बड़ी फायदेमंद साबित हो सकती है जो अपनी उपज को बेहतर दाम मिलने तक अपने घर में सुरक्षित रखना चाहते हैं।
आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर देबायन सरकार ने बताया,‘‘हमारी तकनीक की मदद से 10 गुणा 10 वर्ग फुट के कमरे में हर माह केवल 1,000 रुपये के खर्च में बिना शीत भंडारण के फल-सब्जियों को 30 से 40 दिन तक सुरक्षित रखा जा सकता है।’’ आईआईटी के प्रोफेसर ने बताया कि इस तकनीक के तहत फल-सब्जियों पर विशेष तरंगदैर्ध्य वाली नीली और हरी एलईडी लाइट डाली जाती है।
उन पर प्रकाश के अवशोषक के तौर पर विटामिन बी2 का खास छिड़काव किया जाता है। उन्होंने बताया कि तकनीक को एक मोबाइल ऐप से जोड़ा गया है जिससे किसान अपने भंडार कक्ष से दूर रहकर भी फल-सब्जियों की निगरानी कर सकते हैं। सरकार ने बताया कि इस तकनीक की मदद से खुले खाद्य पदार्थों के साथ ही डिब्बाबंद खाद्य पदार्थों को भी रोगाणुमुक्त रखा जा सकता है।