उच्च न्यायालय ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून का अनुपालन नहीं होने पर इरडा की खिंचाई की

By भाषा | Updated: April 19, 2021 23:02 IST2021-04-19T23:02:55+5:302021-04-19T23:02:55+5:30

High court pulls out IRDA for not complying with mental health care law | उच्च न्यायालय ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून का अनुपालन नहीं होने पर इरडा की खिंचाई की

उच्च न्यायालय ने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून का अनुपालन नहीं होने पर इरडा की खिंचाई की

नयी दिल्ली, 19 अप्रैल दिल्ली उच्च न्यायालय ने बीमा कंपनियों द्वारा मानसिक स्वास्थ्य देखभाल कानून का क्रियान्वयन नहीं करने को लेकर सोमवार को नियामक इरडा की खिंचाई की। अदालत ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

न्यायाधीश प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) से उम्मीद की जाती है कि वह बीमा कंपनियों पर नजर रखे और यह सुनश्चित करे कि वे कानून का अनुपालन करें।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘मुझे यह साफ तौर पर महसूस हो रहा है कि इरडा बीमा कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहा है और केवल अदालत से नोटिस जारी होने पर कदम उठा रहा है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह बहुत गलत है। जो कुछ हो रहा है, इरडा उससे आंखें नहीं फेर सकता। आप (इरडा) अंधे बने नहीं रह सकते।’’

अदालत ने यह भी कहा कि वह दिन दूर नहीं जब इरडा के खिलाफ कार्रवाई करनी होगी।

अदालत ने यह बात एक महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए कही। याचिका में कहा गया था कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी लि. (एनआईसीएल) ने मानसिक विकार के चिकित्सा ‘कवर’ से बाहर होने का हवाला देते हुए सिजोफ्रेनिया के इलाज के खर्च भुगतान के दावे को खारिज कर दिया था।

न्यायाधीश ने कहा कि कानून 2018 में प्रभाव में आया और यह साफ करता है कि बीमा कंपनियां मानसिक और शारीरिक बीमारियों में अंतर नहीं कर सकती।

अदालत के अनुसार अत: यह सुनिश्चित करने का काम इरडा है कि बीमा कंपनियों के उत्पाद या पॉलिसी कानून के अनुरूप हों।

न्यायाधीश ने कहा, ‘‘इरडा कानून का अनुपालन नहीं होने को लेकर आंखे नहीं बंद कर सकता है।’’ अदालत ने नियामक से ऐसे मामलों में बीमा कंपनियों से रिपोर्ट लेने और उसे उपलब्ध कराने को कहा।

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Web Title: High court pulls out IRDA for not complying with mental health care law

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