GST 48th Council Meeting: पान मसाला और गुटखा नहीं होगा महंगा!, एसयूवी पर 22 फीसदी उपकर, जीएसटी एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर फैसला

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: December 17, 2022 07:02 PM2022-12-17T19:02:33+5:302022-12-17T19:03:19+5:30

GST 48th Council Meeting: जीएसटी परिषद ने अपनी 48वीं बैठक में एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स) की परिभाषा को भी स्पष्ट करते हुए इन वाहनों पर 22 प्रतिशत मुआवजा उपकर लगाने का फैसला किया।

GST 48th Council Meeting Pan masala and gutkha will not expensive 22% cess SUV, decision only eight out 15 issues GST agenda | GST 48th Council Meeting: पान मसाला और गुटखा नहीं होगा महंगा!, एसयूवी पर 22 फीसदी उपकर, जीएसटी एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर फैसला

पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया।

Highlightsएमयूवी (मल्टी यूटिलिटी व्हीकल) को परिभाषित करने के लिए मापदंड तैयार करने का फैसला भी किया।बैठक के एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी। पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया।

नई दिल्लीः जीएसटी परिषद ने नियमों के अनुपालन में की जा रही कुछ गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर रखने पर शनिवार को सहमति जताई। इसके साथ ही अभियोजन शुरू करने की सीमा को दोगुना कर दो करोड़ रुपये करने और नकली चालान के लिए एक करोड़ रुपये की सीमा बरकरार रखने का फैसला किया गया।

परिषद ने अपनी 48वीं बैठक में एसयूवी (स्पोर्ट्स यूटिलिटी व्हीकल्स) की परिभाषा को भी स्पष्ट करते हुए इन वाहनों पर 22 प्रतिशत मुआवजा उपकर लगाने का फैसला किया। परिषद ने एमयूवी (मल्टी यूटिलिटी व्हीकल) को परिभाषित करने के लिए मापदंड तैयार करने का फैसला भी किया।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि जीएसटी परिषद समय की कमी के कारण बैठक के एजेंडा में शामिल 15 मुद्दों में से केवल आठ पर ही फैसला कर सकी। जीएसटी पर अपीलीय अधिकरण बनाने के अलावा पान मसाला और गुटखा व्यवसायों में कर चोरी को रोकने के लिए व्यवस्था बनाने पर भी कोई फैसला नहीं हो पाया।

सीतारमण ने जीएसटी परिषद की बैठक खत्म होने के बाद कहा कि कोई नया कर नहीं लाया गया है। इस बैठक में ऑनलाइन गेमिंग और कैसिनो पर जीएसटी लगाने पर कोई चर्चा नहीं हुई क्योंकि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह (जीओएम) ने इस मुद्दे पर कुछ दिन पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंपी थी।

उन्होंने कहा कि समय इतना कम था कि जीओएम की रिपोर्ट जीएसटी परिषद के सदस्यों को भी नहीं दी जा सकी। उन्होंने कहा कि परिषद ने जीएसटी कानून के अनुपालन में अनियमितता पर अभियोजन शुरू करने की सीमा को बढ़ाकर दो करोड़ रुपये करने पर सहमति दी। मौजूदा समय में अभियोजन प्रक्रिया शुरू करने की सीमा एक करोड़ रुपये है।

सीतारमण ने कहा कि एसयूवी के बारे में यह स्पष्टीकरण दिया गया है कि 22 प्रतिशत के मुआवजा उपकर की उच्च दर सभी चार शर्तों को पूरा करने वाले मोटर वाहन पर लागू होती है, जिसे आम बोलचाल में एसयूवी कहा जाता है। इसमें इंजन की क्षमता 1,500 सीसी से अधिक होना, लंबाई 4,000 मिमी से अधिक होना और 170 मिमी या अधिक का ग्राउंड क्लीयरेंस शामिल है।

उन्होंने कहा, ''यह स्पष्टीकरण कोई नया कर नहीं है। इसके जरिये सिर्फ एसयूवी श्रेणी पर लगने वाले कर को परिभाषित किया गया है।'' सीतारमण ने कहा कि एमयूवी पर चर्चा तब शुरू हुई जब कुछ राज्यों ने पूछा कि क्या सेडान को एसयूवी श्रेणी में शामिल किया जाना चाहिए। राज्यों ने एमयूवी की परिभाषा लाने का भी सुझाव दिया।

उन्होंने कहा कि केंद्र और राज्य, कर संग्रह को बढ़ाने के लिए हर स्तर पर जीएसटी का आधार बढ़ाने की कोशिश करेंगे। इस समय हर महीने औसतन लगभग 1.4 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी संग्रह होता है। वर्तमान में 1.40 करोड़ करदाता जीएसटी के तहत पंजीकृत हैं।

राजस्व सचिव संजय मल्होत्रा ने कहा कि परिषद ने जीएसटी के तहत तीन तरह की गड़बड़ियों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने का फैसला किया है। इसमें किसी भी अधिकारी के काम में बाधा डालना, सबूतों के साथ जानबूझकर छेड़छाड़ और जानकारी देने में विफल रहना शामिल है।

आपूर्ति के बिना चालान जारी करने के अपराध को छोड़कर अन्य मामलों में जीएसटी के तहत अभियोजन शुरू करने के लिए कर राशि की न्यूनतम सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर दो करोड़ रुपये कर दी गई है। इसके साथ ही कंपाउंडिंग राशि को भी घटाकर 25 से 100 प्रतिशत कर दिया गया है। यह राशि इस समय 50 से 150 प्रतिशत है।

इसके साथ ही दालों के छिलके पर जीएसटी को हटाने का फैसला भी किया गया। अभी तक दालों के छिलके पर पांच फीसदी की दर से जीएसटी लगता था लेकिन अब उसे शून्य कर दिया गया है। जीएसटी परिषद माल और सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के बारे में फैसला करने वाला सर्वोच्च निकाय है। परिषद की बैठक की अध्यक्षता वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की। बैठक में वित्त राज्य मंत्रियों के अलावा राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के वित्त मंत्री और केंद्र सरकार तथा राज्यों के वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल हुए।

Web Title: GST 48th Council Meeting Pan masala and gutkha will not expensive 22% cess SUV, decision only eight out 15 issues GST agenda

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे