नयी दिल्ली, 21 दिसंबर कोविड-19 से जुड़ी चुनौतियों के बावजूद देश में सीधे ग्राहकों को सामान बेचने वाले उद्योग (डायरेक्ट सेलिंग) का आकार चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में 4.70 प्रतिशत बढ़कर 7,500 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
इंडियन डायरेक्ट सेलिंग एसोसएिशन (आईडीएसए) ने कहा कि उद्योग ने चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान पिछले साल की इसी अवधि के मुकाबले करीब 53 लाख लोगों को जोड़ा जिसमें सीधे सामान बेचने वाले और ग्राहक शामिल हैं।
आईडीएसए के सर्वे के अनुसार स्वास्थ्य से जुड़े उत्पादों के खंड में सालाना आधार पर चालू वित्त वर्ष में अप्रैल-सितंबर के दौरान सर्वाधिक 20.45 प्रतिशत की वृद्धि हुई।
इसमें कहा गया है, ‘‘सकल प्रत्यक्ष बिक्री 2020-21 की पहली छमाही में 7,500 रुपये के पार कर जाने का अनुमान है जो पिछले वर्ष इसी अवधि में 7,200 करोड़ रुपये थी।’’
आईडीएसए के अनुसार अप्रैल-जून के दौरान कोरोना वायरस महामारी और उसकी रोकथाम के लिये कड़े ‘लॉकडाउन’ से उद्योग पर असर पड़ा है।
हालांकि, उद्योग ने दूसरी तिमाही में मजबूत वृद्धि हासिल की।
संगठन ने कहा, ‘‘सालाना आधार पर 2020-21 की पहली और दूसरी तिमाही में वृद्धि क्रमश: 0.90 प्रतिशत और 9.25 प्रतिशत रही। इस दौरान ग्राहक और सीधे बिक्री करने वाले करीब 53 लाख लोग प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग से जुड़े।’’
आईडीएसए की चेयरपर्सन रिनी सान्याल ने कहा कि ऐसे समय जब ज्यादातर कारोबारी क्षेत्रों में नरमी रही, प्रत्यक्ष बिक्री उद्योग ने सकल बिक्री के मामले में अच्छी वृद्धि दर्ज की है।
उन्होंने कहा कि सबसे सुखद बात भारी संख्या में नये लोगों का जुड़ना है। इनमें से कई कमाई के लिये प्रत्यक्ष बिक्री कारोबार को पूर्ण रूप से या अंशकालिक कारोबार के रूप में देख रहे हैं।
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