सरकार ने कहा, नए नियम निजता के खिलाफ नहीं, सोशल मीडिया कंपनियों से अनुपालन रिपोर्ट मांगी

By भाषा | Updated: May 27, 2021 00:17 IST2021-05-27T00:17:20+5:302021-05-27T00:17:20+5:30

Government said, new rules not against privacy, sought compliance report from social media companies | सरकार ने कहा, नए नियम निजता के खिलाफ नहीं, सोशल मीडिया कंपनियों से अनुपालन रिपोर्ट मांगी

सरकार ने कहा, नए नियम निजता के खिलाफ नहीं, सोशल मीडिया कंपनियों से अनुपालन रिपोर्ट मांगी

नयी दिल्ली, 26 मई सरकार ने नए डिजिटल नियमों का पूरी निष्ठा के साथ बचाव करते हुए बुधवार को कहा कि वह निजता के अधिकार का सम्मान करती है और व्हॉट्सएप जैसे संदेश मंचों को नए आईटी नियमों के तहत चिन्हित संदेशों के मूल स्रोत की जानकारी देने को कहना निजता का उल्लंघन नहीं है। इसके साथ ही सरकार ने सोशल मीडिया कंपनियों से नये नियमों को लेकर अनुपालन रिपोर्ट मांगी है।

व्हॉट्सएप ने सरकार के नए डिजिटल नियमों को दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी है जिसके एक दिन बार सरकार की यह प्रतिक्रिया आई है। व्हॉट्सएप का कहना है कि कूट संदेशों तक पहुंच उपलब्ध कराने से निजता का बचाव कवर टूट जायेगा।

हालांकि, सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा है कि भारत ने जिन भी उपायों का प्रस्ताव किया है उससे व्हॉट्सएप का सामान्य कामकाज प्रभावित नहीं होगा। साथ ही इससे आम प्रयोगकर्ता पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।

सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के जारी बयान में कहा गया है कि नये आईटी नियमों के तहत देश की संप्रभुता या सार्वजनिक व्यवस्था तथा देश की सुरक्षा से जुड़े ‘बेहद गंभीर अपराध’ वाले संदेशों को रोकने या उसकी जांच के लिए ही उनके मूल स्रोत की जानकारी मांगने की जरूरत है।

मंत्रालय ने अलग से जारी बयान में सोशल मीडिया कंपनियों मसलन फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब, इंस्टाग्राम और व्हॉट्सएप से नए डिजिटल नियमों के अनुपालन की स्थिति के बारे में तुरंत स्थिति रिपोर्ट देने को कहा। नए नियम बुधवार से प्रभावी हो गये हैं।

इन कंपनियों ने मामले को लेकर ई-मेल के जरिये पूछे गए सवालों के जवाब नहीं दिये।

नए नियमों की घोषणा 25 फरवरी को की गयी थी। इस नए नियम के तहत ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम और व्हाट्सएप जैसे बड़े सोशल मीडिया मंचों (जिनके देश में 50 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं) को अतिरिक्त उपाय करने की जरूरत होगी। इसमें मुख्य अनुपालन अधिकारी, नोडल अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी की नियुक्ति आदि शामिल हैं।

नियमों का पालन न करने पर इन सोशल मीडिया कंपनियों को अपने इंटरमीडिएरी दर्जे को खोना पड़ सकता है। यह स्थिति उन्हें किसी भी तीसरे पक्ष की जानकारी और उनके द्वारा ‘होस्ट’ किए गए डाटा के लिए देनदारियों से छूट और सुरक्षा प्रदान करती है। दूसरे शब्दों में इसका दर्जा समाप्त होने के बाद शिकायत होने पर उन पर कार्रवाई की जा सकती है।

इस मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने कहा कि मंत्रालय ने सोशल मीडिया कंपनियों से मुख्य अनुपालन अधिकारी और भारत स्थित शिकायत अधिकारी के बारे में पूरी जानकारी और संपर्क सूचना देने को कहा है।

मंत्रालय ने बयान में कहा कि अंतिम समय में व्हॉट्सएप द्वारा सरकार के दिशानिर्देशों को अदालत में चुनौती देना नियमों को प्रभाव में आने से रोकने का दुर्भाग्यपूर्ण प्रयास है।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि ब्रिटेन, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, कनाडा में सोशल मीडिया कंपनियों को उनमें कानूनी तौर पर हस्तक्षेप की अनुमति देनी होती है। ‘‘भारत जो मांग रहा है वह कुछ अन्य देशों में की गई मांग की तुलना में उल्लेखनीय रूप से कम है।’’

बयान में कहा गया है कि ऐसे में व्हॉट्सएप का इंटरमिडिएरी दिशानिर्देशों को निजता के अधिकार में हस्तक्षेप बताना मामले को गुमराह करने वाला है। सरकार निजता के अधिकार को बुनियादी अधिकार मानती है। वह इसके लिए प्रतिबद्ध है।

बयान में आगे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रवि शंकर प्रसाद के हवाले से कहा गया है कि सरकार अपने सभी नागरिकों के निजता के अधिकार को सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है। लेकिन इसके साथ ही सरकार का कानून- व्यवस्था बनाये रखे और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी दायित्व है।

प्रसाद ने कहा कि सरकार निजता के अधिकार का सम्मान करती है और जब व्हॉट्सएप को किसी संदेश के मूल स्रोत का खुलासा करने को कहा जाता है, तो तब उसकी मंशा किसी की निजता का उल्लंघन करना नहीं है।

बयान में स्पष्ट किया गया है कि इस तरह की जरूरत सिर्फ देश की संप्रभुता से जुड़े गंभीर अपराधों की रोकथाम, जांच या सजा में होगी। इसके अलावा सुरक्षा, दूसरे देशों से दोस्ताना संबंधों और सार्वजनिक आदेश या यौन उत्पीड़न, बच्चों के यौन उत्पीड़न से संबंधित सामग्री के मामले में इसकी जरूरत होगी।

मंत्रालय ने कहा कि अक्ट्रबर, 2018 के बाद गंभीर अपराध के मामले में मूल स्रोत की जानकारी देने की जरूरत पर व्हॉट्सएप की ओर से कोई आपत्ति नहीं जताई गई। बयान में कहा गया है कि कंपनी ने सामान्य रूप से इन दिशानिर्देशों के प्रवर्तन की समयसीमा बढ़ाने की ही मांग की है। उसने कभी यह नहीं कहा कि ऐसा करना संभव नहीं है।

बयान में कहा गया है कि एक तरफ व्हॉट्सएप ऐसी निजता नीति चाहती है जिसमें वह अपने प्रयोगकर्ताओं के ब्योरे को मूल कंपनी फेसबुक के साथ मार्केटिंग और विज्ञापन के उद्देश्य से साझा कर सकेगी। वहीं दूसरी ओर वह देश में कानून और व्यवस्था के लिजाह से जरूरी नियमों को मानने से इनकार करने के लिये हर तरह का प्रयास कर रही है।

इस बीच, सरकार ने बुधवार को बड़े सोशल मीडिया मंचों से नये डिजिटल नियमों के अनुपालन की स्थिति के बारे में तुरंत स्थिति रिपोर्ट देने को कहा।

मंत्रालय ने प्रमुख सोशल मीडिया मंचों को भेजे एक पत्र में कहा है कि नये नियम के बुधवार को अमल में आने के बाद उन्हें अतिरिक्त जांच-परख को लेकर कदम उठाने होंगे।

‘पीटीआई-भाषा’ द्वारा देखे गये नोट में मंत्रालय ने बड़ी सोशल मीडिया कंपनियों से कहा है कि वे जल्द से जल्द और हो सके तो आज ही जानकारी उपलब्ध करायें।

इसी बीच आधिकारिक बयान में कहा गया कि मूल रूप से संदेश लिखने वाले व्यक्ति के बारे में सूचना कानून द्वारा स्वीकृत प्रक्रिया के तहत ही मांगी जा सकती है इसलिए इसमें पर्याप्त कानूनी सुरक्षा की व्यवस्था शामिल है।

बयान में कहा गया कि जिन संदेशों की रिपोर्ट की गयी है, उनके स्रोत का पता लगाना आखिरी उपाय होगा जो ''केवल उन स्थितियों में अपनाया जाएगा जहां दूसरे उपाय अप्रभावी साबित होंगे।

इसमें कहा गया कि शरारत की शुरुआत कर उसे गंभीर अपराध के दायरे में ले जाने वाले व्यक्ति का पता लगाना और उसे सजा देना जनहित में है और इसलिए उसकी भूमिका बेहद महत्वपूर्ण है।

प्रसाद ने कहा कि चाहे वह कूट भाषा के जरिए हो या किसी और तरीके से हो, कोई तकनीकी समाधान तलाशना व्हाट्सऐप की जिम्मेदारी है।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Government said, new rules not against privacy, sought compliance report from social media companies

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे