सरकार ने दिवाला कानून में किया संशोधन, एमएसएमई के लिए पहले से तैयार समाधान प्रक्रिया की शुरुआत

By भाषा | Updated: April 5, 2021 23:39 IST2021-04-05T23:39:07+5:302021-04-05T23:39:07+5:30

Government amends the Insolvency Act, prepares a ready-made resolution process for MSMEs | सरकार ने दिवाला कानून में किया संशोधन, एमएसएमई के लिए पहले से तैयार समाधान प्रक्रिया की शुरुआत

सरकार ने दिवाला कानून में किया संशोधन, एमएसएमई के लिए पहले से तैयार समाधान प्रक्रिया की शुरुआत

नयी दिल्ली, पांच अप्रैल सरकार ने दिवाला कानून में संशोधन किया है। इसके तहत सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों (एमएसएमई) के लिए पहले से तैयार (प्री-पैकेज्ड) समाधान प्रक्रिया का प्रावधान किया गया है। इससे कर्ज दबाव में फंसी एमएसएमई के लिये अधिक से अधिक मूल्य दिलाने वाला और त्वरित समाधान किया जा सकेगा।

एक अधिसूचना के अनुसार, दिवाला एवं ऋणशोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) में संशोधन को अमल में लाने के लिए चार अप्रैल को एक अध्यादेश जारी किया गया है। कोरोना वायरस महामारी के दौरान कई एमएसएमई पर प्रभाव पड़ा है। ऐसे उद्यमों के लिये अब पहले से तैयार समाधानों के जरिये अपनी दबाव वाली संपत्ति का समाधान कर सकेंगे।

करीब दो सप्ताह पहले ही आईबीसी के कुछ प्रावधानों का स्थगन समाप्त हुआ है। कारोनो वायरस महामारी की वजह से आर्थिक गतिविधियों में आई अड़चनों के मद्देनजर आईबीसी के कुछ प्रावधानों को स्थगित कर दिया गया था। इसके तहत 25 मार्च, 2020 से एक साल के लिए आईबीसी के तहत कोई नया मामला शुरू करने की रोक थी।

अध्यादेश के अनुसार एमएसएमई के कारोबार की विशिष्ट प्रकृति और उनके सुगम कॉरपोरेट ढांचे की वजह से एमएसएमई से संबंधित दिवाला मामलों के निपटान के लिए कुछ विशेष व्यवस्था करने की जरूरत महसूस की जा रही थी।

ऐसे में एमएसएमई के लिए एक दक्ष और वैकल्पिक दिवाला समाधान प्रक्रिया की जरूरत थी। इससे सभी अंशधारकों के लिए एक तेज, लागत दक्ष और अधिकतम मूल्य को सुनिश्चित करने वाला समाधान किया जा सकेगा। अध्यादेश में कहा गया है कि इसी के मद्देनजर एमएसएमई के लिए एक प्री-पैकेज्ड समाधान प्रक्रिया पेश की गई है।

आईबीबीआई के अध्यक्ष एम एस साहू ने कहा कि पहले से तैयार माधान प्रक्रिया की शुरुआत के साथ, अब एमएसएमई के तनाव के समाधान के लिए एक से अधिक विकल्प उपलब्ध होंगे।

उन्होंने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘दबाव के समाधान के लिए एक से अधिक विकल्प होने से भारतीय अर्थव्यवस्था व्यापार के लिए एक बेहतरीन जगह बनेगी। पूर्व-निर्धारित प्रक्रिया से देश में कारोबार करने में आसानी होगी।’’

जे सागर एसोसिएट्स के भागीदार सौमित्र मजूमदार ने कहा कि आईबीसी संशोधन अध्यादेश-2021 से सही और व्यावहारिक मामलों के लिए एक प्री-पैकेज्ड मार्ग उपलब्ध कराया गया है। इससे कारोबार में कम से कम बाधा आएगी।

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Web Title: Government amends the Insolvency Act, prepares a ready-made resolution process for MSMEs

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