एफपीआई ने अगस्त में अब तक शेयर बाजारों में 22,452 करोड़ रुपये डाले, जुलाई में आए थे केवल 5000 करोड़
By भाषा | Published: August 14, 2022 01:10 PM2022-08-14T13:10:10+5:302022-08-14T13:13:27+5:30
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने एक बार फिर भारतीय शेयरों में रुचि दिखाई है। एफपीआई की ओर से अगस्त के पहले दो सप्ताह में भारतीय शेयरों में आक्रामक तरीके से खरीदारी की गई है।
नयी दिल्ली: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अगस्त के पहले दो सप्ताह में भारतीय शेयरों में आक्रामक तरीके से खरीदारी की है। पिछले महीने एफपीआई एक लंबे अंतराल के बाद भारतीय शेयर बाजारों में फिर शुद्ध लिवाल बने थे। मुद्रास्फीति को लेकर चिंताएं कम होने के बीच विदेशी निवेशकों ने अगस्त के पहले दो सप्ताह में शेयर बाजारों में 22,452 करोड़ रुपये डाले हैं।
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, इससे पहले जुलाई के पूरे महीने में एफपीआई ने शेयरों में करीब 5,000 करोड़ रुपये डाले थे। लगातार नौ माह तक निकासी के बाद जुलाई में एफपीआई पहली बार शुद्ध लिवाल बने थे। पिछले साल अक्टूबर से वे लगातार बिकवाल बने हुए थे। अक्टूबर, 2021 से जून, 2022 तक विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों ने 2.46 लाख करोड़ रुपये के शेयर बेचे थे।
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध (खुदरा) श्रीकांत चौहान ने कहा कि मुद्रास्फीति का लेकर चिंता दूर होने तथा केंद्रीय बैंकों द्वारा मौद्रिक रुख को सख्त किए जाने की वजह से आगे चलकर उभरते बाजारों में एफपीआई के प्रवाह में और सुधार देखने को मिलेगा। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति की दर घटकर 6.71 प्रतिशत पर आ गई है।
हालांकि, यह अब भी रिजर्व बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से ऊपर बनी हुई है। खाद्य वस्तुओं के दाम घटने से खुदरा मुद्रास्फीति नीचे आई है। वहीं अमेरिका में भी मुद्रास्फीति 40 साल के उच्चस्तर से घटकर जून में 8.5 प्रतिशत रह गई है। इससे संकेत मिलता है कि अमेरिकी केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व आगे अपने मौद्रिक रुख को अधिक सख्त नहीं करेगा।
ट्रेडस्मार्ट के चेयरमैन विजय सिंघानिया ने कहा, ‘‘ऊर्जा के दाम निचले स्तर पर रहते हैं और युद्ध के मोर्चे से कुछ हैरान करने वाली खबरें नहीं आती हैं, तो विदेशी कोषों का प्रवाह जारी रहेगा।’’ डिपॉजिटरी के आंकड़ों के अनुसार, एफपीआई ने एक से 12 अगस्त के दौरान शेयरों में शुद्ध रूप से 22,452 करोड़ रुपये डाले। इसके अलावा समीक्षाधीन अवधि में एफपीआई ने ऋण या बॉन्ड बाजार में शुद्ध रूप से 1,747 करोड़ रुपये का निवेश किया है।