फॉक्सकॉन ने भारत में महिलाओं द्वारा चलाई जा रही नई आईफोन फैक्ट्री में 30,000 नए कर्मचारियों को दी जॉब्स, जानें औसत मासिक सैलरी
By रुस्तम राणा | Updated: December 22, 2025 16:23 IST2025-12-22T16:23:17+5:302025-12-22T16:23:23+5:30
देवनहल्ली में 300 एकड़ की जगह पर बनी इस फैसिलिटी ने सिर्फ आठ से नौ महीनों में यह मुकाम हासिल किया है, और इस साल अप्रैल-मई में प्रोडक्शन ट्रायल शुरू हो गए थे।

फॉक्सकॉन ने भारत में महिलाओं द्वारा चलाई जा रही नई आईफोन फैक्ट्री में 30,000 नए कर्मचारियों को दी जॉब्स, जानें औसत मासिक सैलरी
नई दिल्ली: रिपोर्ट्स के मुताबिक, ताइवानी कॉन्ट्रैक्ट मैन्युफैक्चरर फॉक्सकॉन ने बेंगलुरु के पास अपने नए iPhone असेंबली प्लांट के लिए करीब 30,000 वर्कर्स को हायर किया है। देवनहल्ली में 300 एकड़ की जगह पर बनी इस फैसिलिटी ने सिर्फ आठ से नौ महीनों में यह मुकाम हासिल किया है, और इस साल अप्रैल-मई में प्रोडक्शन ट्रायल शुरू हो गए थे। अब यह iPhone 17 Pro Max जैसे मॉडल असेंबल कर रहा है, जिसमें से 80 प्रतिशत से ज़्यादा आउटपुट एक्सपोर्ट के लिए है।
नई फॉक्सकॉन iPhone फैसिलिटी कैसे काम करती है?
ET की रिपोर्ट के अनुसार, नए हायर किए गए लोगों में से लगभग 80 प्रतिशत महिलाएं हैं, जिनकी उम्र मुख्य रूप से 19-24 साल है और वे हाई स्कूल या पॉलिटेक्निक की पढ़ाई पूरी करने के बाद अपनी पहली नौकरी कर रही हैं। इनमें से कई पड़ोसी राज्यों से आए प्रवासी हैं, जो 18,000 रुपये की औसत मासिक सैलरी, खास डॉरमेट्री में मुफ्त रहने की जगह और सब्सिडी वाले खाने से आकर्षित हुए हैं।
नए रिक्रूट्स को छह हफ़्ते की ऑन-द-जॉब ट्रेनिंग दी जाती है। प्लांट में अभी लगभग चार असेंबली लाइनें चल रही हैं, लेकिन अगले साल इनका विस्तार करके एक दर्जन किया जाएगा, जिससे पीक कैपेसिटी पर 50,000 वर्कर्स को रोज़गार मिल सकता है।
फॉक्सकॉन इस प्रोजेक्ट में लगभग 20,000 करोड़ रुपये का निवेश कर रही है, जिससे यह जगह एक मिनी-टाउनशिप में बदल जाएगी, जिसमें रहने के लिए क्वार्टर, मेडिकल सुविधाएं, स्कूल और मनोरंजन की सुविधाएं होंगी।
भारत में इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा
देवनहल्ली यूनिट रोज़गार और प्रोडक्शन वॉल्यूम के मामले में भारत की सबसे बड़ी फैक्ट्री बनने वाली है, जो फॉक्सकॉन की मौजूदा तमिलनाडु फैसिलिटी को पीछे छोड़ देगी, जिसमें लगभग 41,000 कर्मचारी काम करते हैं।
यह तेज़ ग्रोथ Apple की अपनी सप्लाई चेन को चीन से दूर ले जाने की कोशिशों के मुताबिक है, जिसे भारत की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) स्कीम का सपोर्ट मिला है। अब लगभग 45 लोकल कंपनियाँ भारत में iPhone प्रोडक्शन में योगदान दे रही हैं, जो ग्लोबल मार्केट के लिए सभी मॉडल बनाती हैं।
एक सीनियर सरकारी अधिकारी ने इस विस्तार को सरकार और इंडस्ट्री के सफल सहयोग का सबूत बताया, और कहा कि चार साल पहले इस तरह का पैमाना 'अकल्पनीय' था।