खाद्य पदार्थ, ईंधन महंगा होने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.52 प्रतिशत पर

By भाषा | Published: April 12, 2021 09:32 PM2021-04-12T21:32:21+5:302021-04-12T21:32:21+5:30

Food inflation rises to 5.52 percent in March as fuel becomes costlier | खाद्य पदार्थ, ईंधन महंगा होने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.52 प्रतिशत पर

खाद्य पदार्थ, ईंधन महंगा होने से मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 5.52 प्रतिशत पर

नयी दिल्ली, 12 अप्रैल खाद्य वस्तुओं के दाम बढ़ने और ईंधन महंगा होने से खुदरा मुद्रास्फीति दर मार्च में बढ़कर 5.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। यह इसका चार माह का उच्चस्तर है। हालांकि, खुदरा मुद्रास्फीति अभी रिजर्व बैंक के संतोषजनक दायरे में बनी हुई है। सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है।

साल-दर-साल आधार पर खुदरा कीमतों में सबसे अधिक 24.92 प्रतिशत की वृद्धि ‘तेल एवं वसा’ खंड में रही।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति इससे पिछले माह फरवरी में 5.03 प्रतिशत पर थी।

राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार मार्च में खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति 4.94 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पिछले महीने यह 3.87 प्रतिशत थी।

एक साल पहले यानी मार्च, 2020 में खुदरा मुद्रास्फीति 5.91 प्रतिशत पर थी। नवंबर, 2020 में यह 6.93 प्रतिशत के उच्चस्तर पर थी।

मार्च में दलहन और उत्पादों की महंगाई 13.25 प्रतिशत रही, जो एक महीने पहले 12.54 प्रतिशत पर थी। इसी तरह मांस और मछली तथा फलों की मुद्रास्फीति बढ़कर क्रमश: 15.09 प्रतिशत और 7.86 प्रतिशत पर पहुंच गई।

वहीं ईंधन और प्रकाश श्रेणी की मुद्रास्फीति 4.50 प्रतिशत रही, जो फरवरी में 3.53 प्रतिशत पर थी।

हालांकि, समीक्षाधीन महीने में अनाज और इसके उत्पाद सस्ते हुए। इनमें दाम 0.69 प्रतिशत घट गए। फरवरी में अनाज और उत्पाद श्रेणी में दाम 0.35 प्रतिशत घटे थे। सब्जियों की मुद्रास्फीति भी माह के दौरान घट गई।

प्रोटीन वाले उत्पादों मसलन अंडों की मुद्रास्फीति घटकर 10.60 प्रतिशत रह गई, जो फरवरी में 11.13 प्रतिशत थी।

परिवहन और संचार की लागत में मार्च में 12.55 प्रतिशत का इजाफा हुआ। स्वास्थ्य सेवाएं 6.17 प्रतिशत महंगी हुईं।

बंधन बैंक के मुख्य अर्थशास्त्री सिद्धार्थ सान्याल ने कहा कि मार्च में खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी अनुमानों के अनुकूल है। उन्होंने कहा कि आपूर्ति के मोर्चे पर अड़चनों के मद्देनजर आगामी महीनों में खुदरा मुद्रास्फीति में और बढ़ोतरी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

इक्रा की अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि आधार प्रभाव पलटने के अलावा प्याज जैसी सब्जियों के दाम घटने से अप्रैल में खाद्य मुद्रास्फीति और घटकर 2 से 2.25 प्रतिशत पर आएगी। दोनों अर्थशास्त्रियों का मानना है कि रिजर्व बैंक आगामी महीनों में नीतिगत दरों में बदलाव नहीं करेगा।

इससे पहले इसी महीने भारतीय रिजर्व बैंक ने जनवरी-मार्च 2020-21 की तिमाही में खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया था। केंद्रीय बैंक का अनुमान है कि चालू वित्त वर्ष की पहली दो तिमाहियों में यह 5.2 प्रतिशत के स्तर पर रहेगी।

जून से नवंबर, 2020 तक खुदरा मुद्रास्फीति रिजर्व बैंक के चार प्रतिशत (दो प्रतिशत ऊपर या नीचे) के लक्ष्य के ऊपरी स्तर छह प्रतिशत से अधिक रही थी। दिसंबर, 2020 में इसमें गिरावट आई थी। उसके बाद जनवरी, 2021 में यह और घटकर 4.1 प्रतिशत पर आ गई थी। हालांकि, फरवरी में आधार प्रभाव की वजह से खुदरा मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत हो गई।

मुद्रास्फीतिक चिंताओं के बीच केंद्रीय बैंक ने पिछली मौद्रिक समीक्षा में रेपो दर में कोई बदलाव नहीं किया।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

Web Title: Food inflation rises to 5.52 percent in March as fuel becomes costlier

कारोबार से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे