एफएमसीजी कंपनियां बढ़ा सकतीं हैं दाम, कच्चे माल का दाम बढ़ने का दबाव

By भाषा | Updated: January 10, 2021 20:58 IST2021-01-10T20:58:06+5:302021-01-10T20:58:06+5:30

FMCG companies can increase prices, pressure to increase raw material prices | एफएमसीजी कंपनियां बढ़ा सकतीं हैं दाम, कच्चे माल का दाम बढ़ने का दबाव

एफएमसीजी कंपनियां बढ़ा सकतीं हैं दाम, कच्चे माल का दाम बढ़ने का दबाव

नयी दिल्ली, 10 जनवरी आने वाले दिनों में उपभोक्ताओं को तेल, साबुन, दंतमंजन जैसे रोजमर्रा के उपयोग वाले सामान पर अधिक खर्च करना पड़ सकता है। इनका उत्पादन करने वाली कंपनियां कच्चे माल के दाम बढ़ने की वजह से अपने उत्पादों के दाम बढ़ाने पर विचार कर रहीं हैं।

इनमें से कुछ कंपनियों ने तो पहले ही दाम बढ़ा दिये हैं, जबकि कुछ अन्य करीब से स्थिति पर नजर रखे हुये हैं और मामले पर गौर कर रहीं हैं। रोजमर्रा के उपभोग का सामान बनाने वाली एफएमसीजी मैरिको तथा कुछ अन्य पहले ही दाम बढ़ा चुकीं हैं, जबकि डाबर, पारले और पतंजलि जैसी अन्य कंपनियां स्थिति पर करीब से निगाह रखे हुये हैं।

नारियल तेल, दूसरे खाद्य तेलों और पॉम तेल जैसे कच्चे माल का दाम बढ़ने से एफएमसीजी कंपनियां पहले तो इस वृद्धि को खुद ही खपाने का प्रयास कर रही हैं, लेकिन वह लंबे समय तक अपने उत्पादों के दाम को स्थिर नहीं रख पायेंगी क्योंकि ऐसा करने से उनके सकल मार्जिन पर असर पड़ सकता है।

पारले प्राडक्ट्स के वरिष्ठ श्रेणी प्रमुख मयंक शाह ने पीटीआई- भाषा से कहा, ‘‘पिछले तीन चार माह के दौरान हमने खाद्य तेल जैसे सामान में उल्लेखनीय वृद्धि को देखा है। इससे हमारे मार्जिन और लागत पर असर पड़ रहा है। फिलहाल हमने कोई मूल्य वृद्धि नहीं की है। लेकिन हम स्थिति पर करीबी नजर रखे हुये हैं और यदि कच्चे माल में वृद्धि का क्रम जारी रहता है तो फिर हम दाम बढ़ायेंगे।’’

उनसे जब मूल्य वृद्धि के बारे में पूछा गया तो शाह ने कहा, ‘‘यह सभी उत्पादों में होगी क्योंकि खाद्य तेल का इस्तेमाल सभी उत्पादों में होता है। यह वृद्धि कम से कम चार से पांच प्रतिशत की हो सकती है।’’

डाबर इंडिया के मुख्य वित्तीय अधिकारी ललित मलिक ने कहा कि हाल के महीनों में कुछ खास सामानों जैसे कि आंवला और सोने के दाम में वृद्धि देखी गई है। ‘‘आने वाले समय में हमें कुछ प्रमुख जिंसों में महंगाई बढ़ने की संभावना लगती है। हमारा प्रयास होगा कि कच्चे माल के दाम की वृद्धि को खुद ही वहन करें और केवल कुछ चुने मामलों में ही न्यायोचित मूल्य वृद्धि होगी। यह वृद्धि बाजार की प्रतिस्पर्धा को देखते हुये भी तय हो सकती है।’’

हरिद्धार स्थित पतंजलि आयुर्वेद से जब इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि वह फिलहाल ‘‘देखो और प्रतीक्षा करो’ की स्थिति में है और अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। हालांकि, उनहोंने भी संकेत दिया कि वह भी उसी दिशा में आगे बढ़ रही है।

पतंजलि के प्रवक्ता एस के तिजारावाला ने कहा, ‘‘हमारी कोशिश हमेशा यही रहती है कि बाजार में आने वाले उतार चढाव से बचा जाये लेकिन बाजार परिस्थितियां यदि मजबूर करतीं हैं तो हम उस पर अंतिम निर्णय लेंगे।’’

सफोला और पैराशूट नारियल तेल जैसे ब्रांड बनाने वाले मैरिको ने कहा कि उनपर महंगाई का दबाव है और इसलिये उन्हें प्रभावी मूल्य वृद्धि का कदम उठाना पड़ा।

एडेलवेइस फाइनेंसियल सविर्सिज के कार्यकारी उपाध्यक्ष अबनीश रॉय ने कहा कि पाम तेल, नारियल, खाद्य तेलों जैसे कई कच्चे माल के दाम हाल के दिनों में बढ़े हैं। ऐसे में उपभोक्ता सामान बेचने वाली कंपनियों के लिये 2021 में मूल्य वृद्धि का दौर लौटेगा।

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Web Title: FMCG companies can increase prices, pressure to increase raw material prices

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