राजकोषीय घाटा 6.6 फीसदी रहने की उम्मीदः इंडिया रेटिंग्स

By भाषा | Updated: December 30, 2021 18:48 IST2021-12-30T18:48:06+5:302021-12-30T18:48:06+5:30

Fiscal deficit expected at 6.6 per cent: India Ratings | राजकोषीय घाटा 6.6 फीसदी रहने की उम्मीदः इंडिया रेटिंग्स

राजकोषीय घाटा 6.6 फीसदी रहने की उम्मीदः इंडिया रेटिंग्स

मुंबई, 30 दिसंबर महीने की शुरुआत में घोषित 3.73 लाख करोड़ रुपये के अतिरिक्त व्यय के बावजूद वर्ष 2021-22 के लिए निर्धारित राजकोषीय घाटा लक्ष्य से 20 आधार अंक यानी 0.2 प्रतिशत कम ही रहने की संभावना है।

रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स की बृहस्पतिवार को जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक राजस्व संग्रह में आई मजबूती और सरकार के कई मंत्रालयों के कम खर्च करने से चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.6 प्रतिशत ही रहने का अनुमान है। जहां तक दिसंबर की शुरुआत में घोषित अतिरिक्त व्यय का सवाल है तो बढ़े हुए राजस्व संग्रह से इसकी भरपाई हो जाने की उम्मीद है।

इस रिपोर्ट के एक दिन पहले ही भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अपनी दूसरी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा था कि सरकार इस वित्त वर्ष में अपने राजकोषीय घाटा लक्ष्य को हासिल संभवत: नहीं कर पाएगी। कई अन्य विश्लेषकों ने भी कुछ इसी तरह का अनुमान जताया है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटा 6.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।

लेकिन इंडिया रेटिंग्स की रिपोर्ट कहती है कि कर एवं गैर-कर राजस्व संग्रह में इस साल आई तेजी से विनिवेश के मोर्चे पर आने वाली गिरावट की भरपाई हो जाएगी। इस स्थिति में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 6.6 फीसदी रह सकता है जो बजट में निर्धारित लक्ष्य से 20 आधार अंक कम होगा।

रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार के वित्त बताते हैं कि अभी तक कर संग्रह को वृद्धि एवं मुद्रास्फीति से काफी फायदा हुआ है। जीडीपी वृद्धि को जहां निम्न तुलनात्मक आधार प्रभाव से फायदा हुआ है वहीं मुद्रास्फीति बढ़ने से अर्थव्यवस्था की सांकेतिक वृद्धि भी तेज हुई है।

रेटिंग एजेंसी का अनुमान है कि इस वित्त वर्ष में सकल कर राजस्व संग्रह 5.9 लाख करोड़ रुपये रहेगा जो बजट आकलन से अधिक होगा। कुल कर संग्रह में कॉरपोरेट कर की हिस्सेदारी 28.4 प्रतिशत रह सकती है जबकि आयकर संग्रह 16.3 फीसदी रह सकता है।

इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि अतिरिक्त सकल कर संग्रह में प्रत्यक्ष कर का हिस्सा 44.7 फीसदी रहेगा और अप्रत्यक्ष कर की हिस्सेदारी 55.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है।

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Web Title: Fiscal deficit expected at 6.6 per cent: India Ratings

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