विशेषज्ञ समिति की कोविड टीका उत्पादन के लिये स्वैच्छिक लाइसेंस, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सिफारिश

By भाषा | Updated: May 12, 2021 23:54 IST2021-05-12T23:54:48+5:302021-05-12T23:54:48+5:30

Expert committee recommends voluntary license, technology transfer for production of Kovid vaccine | विशेषज्ञ समिति की कोविड टीका उत्पादन के लिये स्वैच्छिक लाइसेंस, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सिफारिश

विशेषज्ञ समिति की कोविड टीका उत्पादन के लिये स्वैच्छिक लाइसेंस, प्रौद्योगिकी हस्तांतरण की सिफारिश

जिनेवा, 12 मई विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को कोविड-19 टीकों के लिए स्वैच्छिक लाइसेंस और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर सहमत करने के लिये प्रमुख टीका उत्पादक देशों और विनिर्माताओं की बैठक बुलानी चाहिए। विशेषज्ञों के एक समूह ने यह सिफारिश की है।

भारत और दक्षिण अफ्रीका के बढ़ती महामारी से निपटने के लिये अस्थायी तौर पर ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से अस्थायी तौर पर छूट देने के प्रस्ताव के बीच यह सिफारिश की गयी है।

उल्लेखनीय है कि भारत और दक्षिण अफ्रीका ने अक्टूबर 2020 में कोविड-19 की रोकथाम और उपचार को लेकर डब्ल्यूटीओ के सभी सदस्य देशों के लिये ट्रिप्स समझौते के कुछ प्रावधानों से छूट देने का सुझाव दिया है।

बौद्धिक संपदा अधिकारों के व्यापार संबंधित पहलुओं (ट्रिप्स) पर समझौता जनवरी 1995 में अमल में आया। यह कॉपीराइट, औद्योगिक डिजाइन, पेटेंट जैसे बौद्धिक संपदा अधिकारों पर एक बहुपक्षीय समझौता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के कोरोना वायरस महामारी को लेकर जवाब की समीक्षा करने वाली स्वतंत्र विशेषज्ञों की एक समिति ने कहा कि डब्ल्यूटीओ और डब्ल्यूएचओ को कोविड-19 टीकों के लिए स्वैच्छिक लाइसेंस और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण के लिए आम सहमति बनाने को लेकर प्रमुख टीका उत्पादक देशों और विनिर्माताओं की बैठक बुलानी चाहिए।

विशेषज्ञों में शामिल न्यूजीलैंड की पूर्व प्रधानमंत्री हेलेन क्लार्क और लाइबेरिया की पूर्व राष्ट्रपति ऐलेन जॉनसन ने कहा कि अगर इस दिशा में कदम तीन महीने के भीतर नहीं उठाये जाते हैं, ट्रिप्स समझौते के तहत बौद्धिक संपदा अधिकारों से छूट तत्काल प्रभाव में आ जाने चाहिए।

कुल 13 सदस्यीय समिति में भारत की पूर्व स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन भी शामिल हैं।

विशेषज्ञों की समिति ने अपनी सिफारिश में कहा कि उच्च आय वाले देशों को जिनके पास अपने नागरिकों के लिये पर्याप्त मात्रा में टीके उपलब्ध हैं या पाइपलाइन में हैं, उन्हें इसका उत्पादन बढ़ाने के साथ 92 निम्न और मध्यम आय वाले देशों को एक सितंबर, 2021 तक कम-से-कम एक अरब टीके की खुराक तथा 2022 के मध्य तक दो अरब से अधिक खुराक उपलब्ध कराने की प्रतिबद्धता जतानी चाहिए।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत की सीरम इंस्टीट्यूट, चीन में साइनोफार्म और रूस में गामलेया रिसर्च दुनिया में टीका बनाने की इकाइयां बढ़ाने के मामले में महत्वपूर्ण कंपनियां हो सकती हैं।

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Web Title: Expert committee recommends voluntary license, technology transfer for production of Kovid vaccine

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