गूगल पर लगा सबसे बड़ा 34 हजार करोड़ रुपये का जुर्माना, ये है वजह
By भाषा | Published: July 19, 2018 12:57 AM2018-07-19T00:57:56+5:302018-07-19T00:57:56+5:30
यूरोपीय संघ ने बाजार में एंड्रायड प्रणाली के वर्चश्व की स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर इंटरनेट सेवाएं देने वाली कंपनी गूगल पर 4.34 अरब यूरो (करीब पांच अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया है। यह प्रतिस्पर्धा प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर यूरोपीय संघ द्वारा किसी भी कंपनी पर लगाया गया अबतक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
न्यूयॉर्क / नई दिल्ली , 18 जुलाई: इंटरनेट एवं प्रौद्योगिकी कंपनी गूगल ने 18 जुलाई को कहा कि वह यूरोपीय संघ के 4.34 अरब यूरो यानी करीब 34,308 करोड़ रुपये के जुर्माने के फैसले के खिलाफ अपील करेगी। यूरोपीय संघ ने गूगल को एंड्रायड के बाजार दबदबे का दुरुपयोग कर अपने गूगल सर्च तथा गूगल क्रोम जैसे उत्पादों को बढ़ावा देने का दोषी पाया और इसके कारण संघ ने गूगल पर 4.34 अरब यूरो यानी करीब पांच अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है।
कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुंदर पिचई ने इस मामले पर ब्लॉग लिखकर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि एंड्रॉयड ने हर किसी के लिए अधिक विकल्प विकसित किये हैं न कि विकल्पों को कम किया है। उन्होंने कहा कि एंड्रॉयड के ही कारण आज 1300 विभिन्न ब्रांडों के 24 हजार से अधिक डिवाइस विभिन्न कीमतों पर उपलब्ध हैं जिनमें कई यूरोपीय फोन निर्माता कंपनियां भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘इसमें (निर्णय में) यह भी छूट गया कि एंड्रॉयड ने हजारों फोन निर्माताओं तथा मोबाइल नेटवर्क ऑपरेटरों को कितने विकल्प मुहैया कराये हैं जो एंड्रॉयड डिवाइस बनाते एवं बेचते हैं, विश्व भर में लाखों एप डेवलपरों को मौके दिये हैं जो एंड्रॉयड के कारण कारोबार स्थापित कर पाये हैं और अरबों उपभोक्ताओं को विकल्प दिये हैं जो अब अत्याधुनिक एंड्रॉयड फोन वहन कर सकते हैं।’’
पिचई ने कहा कि गूगल ने एंड्रॉयड विकसित करने में अरबों डॉलर का निवेश किया है और इसके बाद भी उसने 2007 में इसे मोबाइल निर्माता कंपनियों तथा मोबाइल ऑपरेटरों को नि:शुल्क देने का निर्णय लिया।
उन्होंने कहा कि यह निवेश कंपनी के लिये अर्थपूर्ण लगता है क्योंकि वह इसके साथ सर्च, क्रोम, प्ले, मैप्स और जीमेल जैसे लेाकप्रिय गूगल एप मुहैया कराती है जिनमें से कुछ एप कंपनी के लिए राजस्व पैदा करते हैं।
पिचई ने कहा कि फोन निर्माताओं को गूगल सेवा शामिल करने की बाध्यता नहीं है। वे अपने एप के साथ ही प्रतिस्पर्धी एप भी प्री-इंस्टॉल कर सकते हैं। इसका मतलब है कि कंपनी सिर्फ तभी राजस्व कमा सकती है जब एप उसमें लाये जायें और लोग प्रतिस्पर्धी एप के बजाय उसके एप का इस्तेमाल करना पसंद करते हों।
बता दें कि यूरोपीय संघ ने बाजार में एंड्रायड प्रणाली के वर्चश्व की स्थिति का दुरुपयोग करने को लेकर इंटरनेट सेवाएं देने वाली कंपनी गूगल पर 4.34 अरब यूरो (करीब पांच अरब डॉलर) का जुर्माना लगाया है। यह प्रतिस्पर्धा प्रावधानों के उल्लंघन को लेकर यूरोपीय संघ द्वारा किसी भी कंपनी पर लगाया गया अबतक का सबसे बड़ा जुर्माना है।
यूरोपीय संघ की प्रतिस्पर्धा आयुक्त मार्गरेट वेस्टगर ने कहा कि गूगल ने अपने ब्राउजर और सर्च इंजन के बाजार के विस्तार के लिए एंड्रायड के दबदबे का दुरुपयोग किया है। यह निर्णय तीन साल की जांच के बाद ऐसे समय में आया है जब अमेरिका द्वारा इस्पात एवं एल्युमिनीयम पर शुल्क लगाने के कारण अमेरिका के साथ यूरोपीय संघ का पहले ही विवाद चल रहा है। वेस्टगर ने यहां एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा , ‘‘ यूरोपीय संघ ने प्रतिस्पर्धा नियमों के उल्लंघन को लेकर गूगल पर 4.34 अरब यूरो का जुर्माना लगाने का निर्णय लिया है। ’’
उन्होंने कहा , ‘‘ गूगल इंटरनेट सर्च में अपनी हिस्सेदारी को मजबूत करने के लिए अवैध गतिविधियों में संलिप्त है। उसे 90 दिनों के भीतर या तो से गतिविधियां बंद करनी होगी वर्ना उसे औसत दैनिक राजस्व का पांच प्रतिशत जुर्माना के तौर पर भुगतान करना होगा। ’’ इससे पहले गूगल पर खरीदारी के एक मामले में 2017 में यूरोपीय संघ रिकॉर्ड 2.4 अरब डॉलर का जुर्माना लगा चुका है।
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