एनर्जी एक्सचेंज की 'मुनाफाखोरी' की जांच के लिए ऊर्जा मंत्री ने केंद्र को लिखा पत्र

By भाषा | Published: October 14, 2021 06:13 PM2021-10-14T18:13:58+5:302021-10-14T18:13:58+5:30

Energy Minister writes to Center to investigate 'profiteering' of Energy Exchange | एनर्जी एक्सचेंज की 'मुनाफाखोरी' की जांच के लिए ऊर्जा मंत्री ने केंद्र को लिखा पत्र

एनर्जी एक्सचेंज की 'मुनाफाखोरी' की जांच के लिए ऊर्जा मंत्री ने केंद्र को लिखा पत्र

लखनऊ, 14 अक्टूबर देश में व्याप्त कोयला संकट के दौरान इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की कथित मुनाफाखोरी के आरोपों की जांच के लिए प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने केंद्रीय बिजली मंत्री आर. के. सिंह को पत्र लिखा है।

शर्मा ने बृहस्पतिवार को लिखे पत्र में उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा का एक पत्र संलग्न करते हुए कहा है कि इस खत में इंडियन एनर्जी एक्सचेंज की मुनाफाखोरी को खत्म करने और पावर एक्सचेंज पर महंगी बिजली ना बेची जाए, इसके लिए बिजली विक्रय दर की अधिकतम सीमा तय करने का अनुरोध किया गया है।

मंत्री ने पत्र में केंद्रीय बिजली मंत्री से इस मामले में जनहित के मद्देनजर जल्द आवश्यक कार्यवाही कराने का आग्रह किया है।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश वर्मा ने बताया कि देश में कोयले के संकट के कारण बिजली उत्पादन में गिरावट हुई है। ऐसे में राज्य सरकारें इंडियन एनर्जी एक्सचेंज से बिजली खरीद रही हैं। मगर इस मंच पर कंपनियां मनमाने दाम पर बिजली बेच रही हैं। स्थिति यह है कि छह रुपये प्रति यूनिट से भी कम लागत वाली बिजली को 20 रुपये प्रति यूनिट तक बेचा जा रहा है।

वर्मा ने बताया कि इस सिलसिले में उन्होंने बृहस्पतिवार को प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा से मुलाकात कर प्रस्ताव सौंपा जिसमें आरोप लगाया गया है कि इंडियन एनर्जी एक्सचेंज के जरिए निजी कंपनियों ने सिर्फ तीन दिन के अंदर देश भर में मनमानी दरों पर बिजली बेचकर 840 करोड़ रुपए का मुनाफा कमाया है। अकेले उत्तर प्रदेश में ही इस दौरान कंपनियों ने 80 करोड़ रुपए से ज्यादा का लाभ कमाया है। यह आपदा में अवसर तलाशने वाली बात है। सरकार को इस मुनाफाखोरी पर रोक लगाने के लिए अधिकतम विक्रय दर की एक जायज सीमा तय करनी चाहिए।

उन्होंने प्रदेश सरकार से मांग की कि बिजली आवश्यक सेवा के तहत आती है जिसमें मुनाफाखोरी उचित नहीं है। केंद्र का कानून है कि बिजली की ट्रेडिंग करने वाला कोई भी व्यक्ति चार पैसा प्रति यूनिट से ज्यादा लाभ नहीं कमा सकता लेकिन इंडियन एनर्जी एक्सचेंज में मुनाफाखोरी चरम पर है।

गौरतलब है कि देशभर में कोयले के संकट की वजह से बिजली उत्पादन में व्यापक गिरावट हुई है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अकेले उत्तर प्रदेश में 800 मेगावाट की गिरावट आई है। इस कमी को पूरा करने के लिए राज्य सरकार रोजाना तकरीबन 50 करोड़ की बिजली एनर्जी एक्सचेंज के जरिए खरीद रही है।

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Web Title: Energy Minister writes to Center to investigate 'profiteering' of Energy Exchange

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